नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश ‘विकसित भारत’ और आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है तथा इस भावना एवं गति को 2024 में भी बनाए रखना है।
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 108वीं कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी जोर दिया और ‘फिट इंडिया’ के लिए कई अनूठे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
प्रसारण के दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद और अभिनेता अक्षय कुमार ने बताया कि उनकी अच्छी सेहत का राज क्या है।
मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत का कोना-कोना, आत्मविश्वास से भरा हुआ है। देश विकसित भारत और आत्मनिर्भरता की भावना से ओत-प्रोत है। 2024 में भी हमें इसी भावना और गति को बनाए रखना है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भारत का नवोन्मेष का केंद्र बनना इस बात का प्रतीक है कि देश अब रुकने वाला नहीं है।
मोदी ने कहा, ‘‘जो देश नवोन्मेष को महत्व नहीं देता, उसका विकास रुक जाता है। भारत का नवोन्मेष का केंद्र बनना इस बात का प्रतीक है कि हम रुकने वाले नहीं हैं। 2015 में हम वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में 81वें स्थान पर थे। आज हम 40वें स्थान पर हैं।’’
प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता सहित साल 2023 में विभिन्न क्षेत्रों में देश को हासिल हुई उपलब्धियों का उल्लेख किया और देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दीं।
दीपावली पर हुए ‘रिकार्ड कारोबार’ का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि आज हर भारतीय ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को महत्व दे रहा है।
उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की ताकत के बल पर भारत ने इस वर्ष कई विशेष उपलब्धियां हासिल कीं जिनमें चंद्रयान-3 की सफलता और नारी शक्ति वंदन विधेयक का संसद से पारित होना शामिल है।
मोदी ने फिल्म ‘आरआरआर’ के गीत नाटू-नाटू और लघु वृत्तचित्र ‘द एलिफेंट व्हिस्पर्स’ को ऑस्कर मिलने का जिक्र किया और कहा कि दुनिया ने इनके जरिए भारत की रचनात्मकता को देखा और पर्यावरण के साथ जुड़ाव को समझा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत विकसित होगा तो इसका सबसे अधिक लाभ युवाओं को होगा तथा यह तब और ज्यादा होगा जब वे स्वस्थ रहेंगे।
मोदी ने हाल में संपन्न काशी-तमिल संगमम का उल्लेख किया और कहा कि इस आयोजन के दौरान उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण ‘भाषिणी’ का पहली बार उपयोग किया।
उन्होंने बताया कि इसकी सहायता से उनके भाषण को उसी समय तमिलनाडु के लोग तमिल भाषा में सुन पा रहे थे।
मोदी ने कहा, ‘‘वह दिन दूर नहीं जब किसी एक भाषा में संबोधन हुआ करेगा और जनता तत्क्षण उस भाषण को अपनी भाषा में सुन सकेगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की उपलब्धि हर भारतवासी की उपलब्धि है और उन्हें पंच-प्रणों का ध्यान रखते हुए भारत के विकास के लिए निरंतर जुटे रहना होगा।
उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है तथा इसी मंत्र पर चलते हुए देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाना है।