गंगटोक, तिब्बती आध्यात्मिक नेता 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने मंगलवार को हजारों अनुयायियों को गंगटोक के पलजोर स्टेडियम में उपदेश दिया।
दलाई लामा 10 साल के अंतराल के बाद हिमालयी राज्य की चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं।
दुनियाभर से आए अनुयायी सोमवार रात दो बजे से ही स्टेडियम में पहुंचना शुरू हो गये थे। जो लोग कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच सके, उनके लिए एमजी मार्ग और चिंतन भवन पर बड़ी ‘एलईडी’ स्क्रीन लगाई गईं।
दलाई लामा ने ‘‘बोधिसत्व के 37 अभ्यास’’ पर उपदेश दिया और इसके साथ ‘बोधिचित्त’ (मन की जागृति) को लेकर एक समारोह भी आयोजित किया गया।
दलाई लामा ने उपदेश देने के बाद राज्य सरकार की दो परियोजनाओं का ऑनलाइन माध्यम से शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं के तहत गंगटोक जिले के रुमटेक में करमापा पार्क और सिमिक में ग्यालवा ल्हात्सुन चेनपो की प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा।
जरूरी सेवाओं के आवागमन से जुड़े वाहनों को छोड़कर गंगटोक शहर में सभी तरह के यातायात पर प्रतिबंध रहा और विशेष बस सेवा के जरिये ही अनुयायियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया गया।
ढाबे और रेस्तरां को छोड़कर सभी दुकानें अपराह्न एक बजे तक बंद रहेंगी।
राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ सोमद्दर ने स्टेडियम में दलाई लामा का स्वागत किया।
स्टेडियम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
दलाई लामा (87) सोमवार सुबह गंगटोक पहुंचे और वह एक होटल में ठहरे हुये हैं।
उनका बृहस्पतिवार सुबह तक गंगटोक में रुकने का कार्यक्रम है जिसके बाद वह पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी रवाना होंगे।
अक्टूबर में दलाई लामा की सिक्किम यात्रा अचानक आई बाढ़ के कारण रद्द कर दी गई थी। इस बाढ़ में कई लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग विस्थापित हुए थे।
उन्होंने इससे पहले 2013 में हिमालयी राज्य की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने रावंगला के बुद्ध पार्क में भगवान बुद्ध की प्रतिमा को प्रतिष्ठित किया था।