भारत में लहसुन एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो कि प्रत्येक भारतीय केरसोईघर में उपस्थित रहती है। इसे लहसुन, लैसोना, रसून के नाम से भी जाना जाता है। लहसुन गुणों की भण्डार है। मैंने अपनी युवावस्था में एक पुस्तक पढ़ी थी- लहसुन बादशाह, इसमें शरीर को निरोग रखने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों से ठीक होने के गुर बताए गए थे।
इस पुस्तक में लहसुन का रासायनिक अध्ययन व रोगों के लिए वैज्ञानिक प्रयोग को बताया गया था। औषधि के रूप में प्रयोग करने के लिए उपकरण भी बताए गए थे।
भारत में भोजन में लहुसन का प्रयोग एक सामान्य बात है। आयुर्वेद में लहसुन को औषधि माना गया है। वास्तव में लहसुन में ऐसे कई एण्टी बैक्ट्रियल तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को गंभीर रोगों से दूर रखते हैं। जो लोग अपने भोजन में नियमित रूप से लहसुन का सेवन करते हैं उन्हें रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), हृदय रोग, साइनस, एनिमिया (रक्ताल्पता) जैसे कष्ट नहीं होते हैं। प्रतिदिन लहसुन का प्रयोग (सेवन) करने से मनुष्य चुस्त-दुरुस्त रहता है।
अंग्रेजी में लहसुन को ‘गारलिक’कहते हैं। लहसुन के सेवन से पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है। माथा दर्द और उच्च तनाव में लहसुन में बहुत प्रभावी है।
हर दिन प्रात: नियमित रूप से खाली पेट लहसुन खायी जाए, तो हृदय से संबंधित रोगों का खतरा दूर हो जाता है। वास्तव में लहसुन के प्रयोग से रक्त का अभाव (ब्लड क्लोटिंग) नहीं होता। परिणामस्वरूप हृदयाघात (हार्टअटैक) की संभावना कम हो जाती है।
अगर लहसुन के साथ ‘मधु’(हनी/शहद) का प्रयोग किया जाए, तो इससे हृदय तक जाने वाली शिराओं में एकत्र वसा निकल जाता है। जिसके फलस्वरूप हृदय तक रक्त का परिवहन आसानी से हो जाता है। साथ ही यह रक्त प्रवाह को नियमित करने में सहयोगी होती है। यही कारण है कि उच्च रक्तचाप से पीडि़त लोगों को प्रतिदिन लहसुन खाने का परामर्श दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त पेट से संबंधित रोगों जैसे- डायरिया और कब्ज में लहसुन का सेवन लाभदायक होता है।
चार कप पानी में छह-सात लहसुन की कलियां (फली) डालकर अग्नि में उबालें, पश्चात इस पानी को छान लें तथा सुषुम (गुनगुना) करके प्रात: खाली पेट में पी जाए। इससे डायरिया और कब्ज में शीघ्र आराम लाभ होगा।
प्रत्येक दिन प्रात:काल खाली पेट लहसुन की कलियां खाने (निगलने) से पाचन तंत्र की समस्या दूर होती है।
कई बार हमारे शरीर में ऐसे एसिड (अम्ल) बनते हैं, जिससे हमें घबराहट की शिकायत होती है। ऐसे में लहसुन का सेवन इस एसिड को बनने से रोकता है।
लहसुन की एक-दो कली पीसकर दांतों में दर्द, पीड़ा वाली जगह पर कुछ देर लगाए रहने से भी आराम मिलता है।
खाली पेट लहसुन के सेवन से दांतों की नसों में जो झनझनाहट अथवा सनसनाहट होती है उससे आराम लाभ होता है।
जिन लोगों को प्राय: सर्दी-जुकाम की समस्या बनी रहती है उन्हें प्रमुखत: लहसुन का सेवन करना चाहिए, लाभदायक है। एण्टी-बैक्टिरियल गुणों से भरपूर लहसुन सर्दी-जुकाम के लिए प्राकृतिक दवा का काम करता है।