सैफ अली खान हिंदी फिल्म जगत के उन चुनिंदा एक्टर्स में से एक हैं जिनका कैरियर उम्र बढने के बाद भी बेहद सधी हुई गति के साथ शानदार अंदाज में लगातार आगे बढ रहा है।
फिल्म मेकर यश चोपड़ा की मल्टी स्टॉरर फिल्म ’परंपरा’ (1993) से कैरियर शुरू करने वाले सैफ अली खान शुरूआत से ही ’दिल चाहता है’ (2001), ’कल हो न हो’ (2003), ’एल.ओ.सी. कारगिल’ (2003), ’ओमकारा’ (2006), ’रेस’ (2008), ’लव आजकल’ (2009) ’तानाजीः द अनसंग वॉरियर’ (2020), ’बंटी और बबली 2’ (2021) ‘विक्रम वेधा’ (2022) और ‘आदिपुरूष’ (2023) जैसी अलग तरह की फिल्में करते हुए इस इंडस्ट्री में खुद को साबित करते आए हैं।
लीक से हटकर फिल्में हों या फिर वेब सीरीज, हीरो हो या विलेन, किसी तरह का किरदार निभाने में सैफ अली खान ने कभी गुरेज़ नहीं किया। यदि कैरियर की शुरूआत के 2-3 साल छोड़ दिये जायें तो उन्होंने अपनी फिल्मों और किरदारों में बेधड़क होकर खूब प्रयोग किये।
सैफ अली खान पिछले साल साउथ की हिट फिल्म ’विक्रम वेधा’ (2017) के इसी नाम से बने हिंदी रीमेक ‘विक्रम वेधा’ (2022) में विक्रम और ऋतिक रोशन वेधा की भूमिका में नजर आए थे।
इस साल की सबसे ज्यादा विवादित फिल्म ’आदिपुरूष’ (2023) में सैफ अली खान ने लंकेश का नेगेटिव किरदार निभाया था। प्रभास, कृति सेनन, सैफ अली खान और सनी सिंह की मुख्य भूमिकाओं वाली ’आदिपुरूष’ (2023) को ओम राउत ने डायरेक्ट किया था।
30 साल के कैरियर में सैफ अली खान ने कई बड़ी हिट दी हैं। हो सकता है कि दूसरों को उनके कैरियर में कुछ खामियां नजर आती हों लेकिन वो खुद अपने कैरियर से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
वेब सिरीज ’सेक्रेड गेम्स’ (2018) में सैफ ने सरताज सिंह के किरदार में अपने अभिनय को जिस नवीनता के साथ प्रस्तुत करते हुए जिस तरह का जबर्दस्त असर छोड़ा, उसके लिए उन्हें जबर्दस्त प्रशंसा हासिल हुई।
सैफ अली खान ने ’तानाजीः द अनसंग वॉरियर’ (2020) में उदयभान के बेहद स्ट्रांग नेगेटिव रोल में हर किसी को हक्का बक्का कर दिया था। सैफ ने अपने बेहद खूबसूरत और उम्दा काम से उस किरदार में ऐसी रौनक बख्शी की दर्शक दंग रह गये। यह उनके कैरियर के लिए ’लार्जर दैन लाइफ’ किरदार साबित हुआ। फिल्म में अजय देवगन जैसे महारथी की मौजूदगी में सैफ अली खान के काम की हर किसी ने दिल खोलकर प्रशंसा की थी।
’तानाजीः द अनसंग वॉरियर’ (2020) के पहले विशाल भारव्दाज व्दारा निर्देशित ’ओमकारा’ में एक माइंड ब्लोइंग विलेन लंगड़ा त्यागी के किरदार के लिए सैफ अली खान के काम को इसी तरह खूब सराहा और पसंद किया गया था।
रानी मुखर्जी और सैफ अली खान की ऑन स्क्रीन कैमिस्ट्री हमेशा बेहद शानदार रही है। ’बंटी ऑर बबली 2’ (2021) में भी वही नजारा देखने को मिला।
सैफ अली खान को बेशक खान एक्टर वाली तिकड़ी की तरह रूतबा हासिल नहीं है लेकिन उन्हें एक शानदार एक्टर माना जाता है। इसमें दो राय नहीं कि, वेरायटी वाले किरदार ही हमेशा उनकी वरियता पर रहे है।
लेकिन यदि सैफ अली खान की ’तानाजीः द अनसंग वॉरियर’ (2020) को एक अपवाद मान लिया जाये तो पिछले लगभग एक दशक से वो लगातार नाकामी से गुजर रहे हैं। सच तो यह है कि ’रेस 2’ (2013) के बाद से पिछले 10 साल में सैफ अली खान ने एक भी हिट नहीं दी और वे लगातार एक हिट के लिए तरस रहे हैं।
इस एक दशक में सैफ अली खान ने एक के बाद एक लगातार ’गो गेवा गॉन’ (2013) ’बुलेट राजा’ (2013), ’हम शकल्स’ (2014), ’हैप्पी एंडिंग’(2014), ’फेंटम’ (2015) ’शेफ’ (2017) ’रंगून’ (2017) ’कालाकांडी’ (2018) जैसी फ्लॉप फिल्मों की झड़ी सी लगा दी।
सैफ अली खान की फिल्म ’बाजार’ (2018) से ऑडियंस को काफी उम्मीदें थीं लेकिन यह कुछ कमाल नहीं कर सकी। 3डी हॉरर डार्क कॉमेडी फिल्म ’भूत पुलिस’ (2021) में सैफ अली खान सान्या मल्होत्रा के साथ थे लेकिन यह फिल्म भी ऑडियंस को पसंद नहीं आई।
यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता क्योंकि फिर चाहे उनकी ’दिल बेचारा’ (2020) हो या फिर ’जवानी जानेमन’ (2020) या फिर ‘विक्रम वेधा’ (2022) या ‘आदिपुरूष’ (2023), उनकी कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चल पा रही है।
सैफ के लिए हालात करीब करीब ऐसे हो चुके हैं कि उनका कैरियर खत्म होने के कगार पर आ पंहुचा है। फिलहाल उनके पास सिर्फ तेलुगु में बन रही फिल्म ‘देवरा’ है। सैफ अली खान अब सिर्फ अच्छी फिल्में करना चाहते हैं लेकिन लगता है कि मेकर्स ने उनसे मुंह मोड़ लिया है।