दिल्ली में प्रदूषण संकट गंभीर : चार साल बाद सम-विषम योजना फिर लागू होगी

नयी दिल्ली,  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को घोषणा की कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद के तौर पर शहर में 13 से 20 नवंबर तक सम-विषम कार योजना लागू की जाएगी।

राय ने यह भी कहा कि स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने सभी स्कूलों में कक्षाओं को बंद करने और केवल ऑनलाइन कक्षाओं को अनुमति देने का फैसला किया है। केवल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों पर यह लागू नहीं होगा।

पर्यावरण मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दिल्ली में दिवाली के बाद 13 से 20 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू की जाएगी। इस योजना की अवधि बढ़ाने पर फैसला 20 नवंबर के बाद लिया जाएगा।’’

राय ने कहा कि सम-विषम योजना से छूट समेत इसका विवरण परिवहन विभाग के साथ विचार-विमर्श कर तय किया जाएगा।

साल 2016 में पहली बार लागू की गई इस योजना के तहत सम या विषम पंजीकरण संख्या वाली कारों को वैकल्पिक दिनों (एक दिन छोड़कर एक दिन) पर चलाने की अनुमति दी जाती है। अगले सप्ताह जब इसे लागू किया जाएगा तो यह चौथी बार होगा जब दिल्ली सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए यह योजना लागू करेगी।

‘द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट’ (टेरी) द्वारा 2018 में किए एक अध्ययन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में पीएम 2.5 प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का तकरीबन 40 फीसदी योगदान रहता है।

राय ने कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की योजना ‘ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के अंतिम चरण के तहत जरूरी सभी सख्त पाबंदियों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता ‘‘अत्यधिक गंभीर’’ (एक्यूआई 450 से अधिक) श्रेणी में चले जाने के बाद रविवार को सभी प्रकार के निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश निषेध समेत कई पाबंदियां लगायी गयी हैं।

राय ने यह भी कहा कि सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश देने पर फैसला बाद में लिया जाएगा।

इससे पहले सोमवार को, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्दियों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की कार्य योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए अपनी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की।

राय ने कहा कि हवा की गति बढ़ने के कारण अगले कुछ दिन में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार आ सकता है। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि दिवाली उत्सव, दिल्ली में क्रिकेट विश्व कप 2023 के आगामी मैच और छठ पूजा के दौरान पटाखे जलाने जैसे कारणों से वायु गुणवत्ता फिर बिगड़ सकती है।

दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह प्रदूषण का स्तर सरकार द्वारा तय सुरक्षित स्तर से सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया और लगातार सातवें दिन दिल्ली के वातावरण में जहरीली धुंध छाई रही।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, आगामी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदूषकों को तितर-बितर करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मंगलवार रात से बनने की संभावना है। इसके कारण उत्तर पश्चिम भारत में बेमौसम बारिश हो सकती है।

चिकित्सकों के अनुसार, जहरीली धुंध मौजूदा श्वसन समस्याओं वाले लोगों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर रही है।

मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, धान की पराली जलाने, पटाखों और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के साथ मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियां हर साल सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु गुणवत्ता स्तर में योगदान करती हैं।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार, राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण उस समय चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है।