तोक्यो, सात नवंबर (एपी) जापान और ब्रिटेन के विदेश एवं रक्षा मंत्री एक नए सुरक्षा समझौते के तहत मंगलवार को अपने सैन्य सहयोग को प्रगाढ़ करने को लेकर बातचीत करेंगे। इस समझौते से उनकी सेनाओं को संयुक्त अभ्यास के लिए एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति मिल जाएगी।
चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता के बीच जापान और ब्रिटेन ने हाल के वर्षों में अपने सहयोग का विस्तार किया है। जापान का एकमात्र संधि सहयोगी अमेरिका रहा है लेकिन अब उसने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ पारस्परिक पहुंच समझौते (आरएए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे ये देश भी उसके अर्ध-सहयोगी बन गए हैं।
जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा एवं ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के बीच तोक्यो में वार्ता अक्टूबर के मध्य में आरएए के प्रभावी होने के बाद पहली बातचीत है।
वे मंगलवार और बुधवार को सात उन्नत देशों के समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर मुलाकात कर रहे हैं, जिसमें इजराइल-हमास युद्ध, रूस-यूक्रेन युद्ध और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
जापान-ब्रिटेन सुरक्षा संबंधों पर चार मंत्रियों की चर्चा में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच मई में हुए जापान-ब्रिटेन हिरोशिमा समझौते के आधार पर अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा जैसे नए क्षेत्रों में संयुक्त अभ्यास और सहयोग का विस्तार शामिल होने की संभावना है।
चीन सहित इस क्षेत्र में बढ़ते खतरों का हवाला देते हुए पिछले विश्व युद्ध के बाद अपनाए गए देश के आत्मरक्षा सिद्धांत में एक बड़े बदलाव के तहत किशिदा के नेतृत्व वाली सरकार ने देश की सुरक्षा और रक्षा को मजबूत करने के लिए दिसंबर में युद्ध से मुकाबले की क्षमता सहित जापान की नयी, मध्य से दीर्घकालिक सुरक्षा रणनीति की घोषणा की थी।
पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर जापान का चीन के साथ लंबे समय से क्षेत्रीय विवाद चला आ रहा है।