सियोल, उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने तीसरे प्रयास में एक जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित कर दिया है।
इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ तनाव के बीच अंतरिक्ष आधारित निगरानी तंत्र स्थापित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। हालांकि उत्तर कोरिया के इस दावे की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं जा सकी है।
पर्यवेक्षकों को इस पर संदेह है कि उपग्रह इतना आधुनिक है वह सेना के लिए टोह लेने जैसे कार्य कर सके।
उत्तर कोरिया की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि उसके नए ‘‘चोलिमा-1’’ कैरियर रॉकेट ने उपग्रह ‘मालिगयोंग-1’ को देश के प्रमुख प्रक्षेपण केन्द्र से प्रक्षेपण के 12 मिनट पश्चात मंगलवार रात को कक्षा में स्थापित कर दिया।
राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी प्रशासन ने इस प्रक्षेपण को आत्मरक्षा की क्षमता बढ़ाने का उत्तर कोरिया का वैध अधिकार करार दिया।
एजेंसी ने कहा कि देश के नेता किम जोंग उन ने प्रक्षेपण देखा और वैज्ञानिकों को बधाई दी। उसने कहा कि उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया और अन्य पर निगरानी के लिए ऐसे और जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करता रहेगा।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएने वाटसन ने कहा कि अमेरिका इस प्रक्षेपण की कड़े शब्दों में निंदा करता है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘तनाव बढ़ाता है और क्षेत्र तथा उसके बाहर सुरक्षा को अस्थिर करने का जोखिम पैदा करता है।’’
दक्षिण कोरिया और जापान के अनुसार उपग्रह ले जाने वाला रॉकेट कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट और जापानी द्वीप ओकिनावा के ऊपर से प्रशांत महासागर की ओर उड़ा। जापानी सरकार ने ओकिनावा के लिए ‘जे-अलर्ट मिसाइल चेतावनी’ जारी की और अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया।