रूसी हमलों के बाद यूक्रेन के 40 फीसदी से अधिक नागरिकों को मानवीय सहायता की जरूरत: संरा

 संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि रूसी हमलों के कारण यूक्रेन के लोग अकल्पनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं और 40 फीसदी से अधिक नागरिक को मानवीय सहायता की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार कार्यालय में समन्वय निदेशक रमेश राजसिंघम ने बताया कि फरवरी 2022 से रूस की ओर से घरों, स्कूलों, खेतों और बाजारों पर किये जा रहे हमलों में हजारों नागरिक मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने औपचारिक रूप 9,900 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक संख्या निश्चित रूप से अधिक हो सकती है।’’

राजसिंघम ने कहा कि यूक्रेनी नागरिक रूसी हमलों के कारण ‘‘अकल्पनीय पीड़ा’’ झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के 1.80 करोड़ नागरिकों (आबादी के 40 फीसदी से अधिक) को किसी न किसी रूप में मानवीय सहायता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आएगा तो जरूरतें बढ़ जाएंगी।

राजसिंघम ने बताया कि हमलों में बुनियादी ढांचों को हुई क्षति के कारण लोग बिजली, पानी, संचार जैसी सुविधाओं से वंचित हो गये हैं। ऐसे में जैसे-जैसे सर्दी का मौसम शुरू होगा, नागरिकों के लिए परेशानी बढ़ती चली जाएगी। बुजुर्गों, विकलांगों और विस्थापितों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ेगी।

रूसी सेना ने बीते सर्दी के मौसम में मिसाइल और ड्रोन हमलों में यूक्रेन के बिजली घर और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया था, जिसके परिणामस्वरूप लगातार बिजली सकंट बना हुआ है।