मेलबर्न, लगभग एक दशक में घरेलू धरती पर पहला टेस्ट मैच खेलने की तैयारी में जुटी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को लगता है कि व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के बीच कम समय में लंबे प्रारूप से सामंजस्य बिठाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
भारतीय टीम को घरेलू धरती पर दो टेस्ट मैच खेलने हैं। वह इंग्लैंड के खिलाफ 14 दिसंबर से नवी मुंबई में जबकि उसके बाद 21 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई में टेस्ट मैच खेलेगी।
अपने करियर में अभी तक केवल तीन टेस्ट मैच खेलने वाली हरमनप्रीत के लिए सबसे बड़ी चिंता भारतीय टीम के पास लाल गेंद की क्रिकेट खेलने का पर्याप्त अनुभव नहीं होना है।
हरमनप्रीत ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा,‘‘टेस्ट श्रृंखला के लिए हम वास्तव में बेहद उत्साहित है क्योंकि मैं घरेलू दर्शकों के सामने लंबे समय (2014) से नहीं खेली हूं, इसलिए मैं वास्तव में इसको लेकर काफी उत्साहित हूं।’’
उन्होंने कहा,‘‘हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि हमने लाल गेंद की क्रिकेट नहीं खेली है। हम पिछले कई वर्षों से सफेद गेंद (सीमित ओवरों) की क्रिकेट ही खेल रहे हैं।’’
हरमनप्रीत ने कहा,‘‘यहां तक कि घरेलू क्रिकेट में भी हम लंबी अवधि के प्रारूप में नहीं खेलते हैं। इसलिए इतने कम समय में टेस्ट मैच के लिए तैयार होना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है।’’
हरमनप्रीत ने अभी तक तीन टेस्ट मैचों में 7.60 की औसत से 38 रन बनाए हैं लेकिन उनके नाम पर नौ विकेट दर्ज हैं जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नवंबर 2014 में खेले गए घरेलू टेस्ट मैच में हासिल किए थे। इसके अलावा उन्होंने दो टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ वॉर्मस्ले (2014) और ब्रिस्टल (2021) में खेले थे।
हरमनप्रीत अभी महिला बिग बैश लीग (डब्ल्यूबीबीएल) खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया में है। वह इस टूर्नामेंट में अपना आखिरी मैच 25 नवंबर को खेलेंगी। इसके बाद वह इंग्लैंड के खिलाफ 6 दिसंबर से होने वाली तीन मैच की टी20 श्रृंखला में भाग लेगी जिससे उन्हें टेस्ट श्रृंखला की तैयारी के लिए बहुत कम समय मिलेगा।
वह महिला बिग बैश लीग के दौरान ही टेस्ट मैच की तैयारी करना चाहती थी लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
हरमनप्रीत ने कहा,‘‘मैंने लाल गेंद से अभ्यास करने के बारे में सोचा था लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। हम टी20 क्रिकेट खेल रहे हैं और टेस्ट क्रिकेट पूरी तरह से भिन्न होता है। इसलिए मैं घालमेल नहीं करना चाहती हूं। जब मैं स्वदेश लौटूंगी तो मेरे पास तैयारी के लिए 10 दिन होंगे।’’