लास वेगास, वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी नेटऐप का मानना है कि घरेलू विक्रेताओं की कमी भारतीय बाजार को खुला बनाती है, जहां कोई भी ‘निष्पक्ष आधार’ पर प्रतिस्पर्धा कर सकता है।
अमेरिका के सैन जोस में स्थित कंपनी मध्यम अवधि में जापान को पीछे करके भारत को एशिया का सबसे बड़ा बाजार बनाना चाहती है।
केरल में जन्मे नेटऐप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉर्ज कुरियन ने कहा कि एशिया दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। कंपनी के राजस्व में इस महाद्वीप की हिस्सेदारी मौजूदा 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया गया है।
कुरियन ने यहां कंपनी के वार्षिक कार्यक्रम ‘इनसाइट’ के मौके पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘भारतीय बाजार का आकार और दायरा मजबूत है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है… और यहां कोई प्रमुख घरेलू विक्रेता नहीं है। इसलिए भारतीय बाजार निष्पक्ष आधार पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी के लिए खुला है। इसलिए हमारा मानना है कि यह एक अच्छा अवसर है।’’
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित कर रही हैं और कई अमेरिकी कंपनियां वहां स्थित अपनी इकाइयों से फैसले कर रही हैं।
कुरियन ने कहा कि दुनियाभर की कंपनियों को भारत की ओर जो बात सबसे अधिक खींचती है, वह है वहां का प्रतिभा आधार। अकेले नेटऐप स्थानीय स्तर पर 3,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती है।