सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका),केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने दो महत्वाकांक्षी ‘इनोवेशन हैंडशेक’ पहल को जारी करने के लिए एक औद्योगिक गोलमेज बैठक की अध्यक्षता की।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून में इसका पूर्वावलोकन किया था। राष्ट्रपति बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी ने जून में अमेरिका की राजकीय यात्रा की थी।
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा मंगलवार को सह-आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख आईसीटी कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), उद्यम पूंजी कंपनियों के अधिकारी और महत्वपूर्ण व उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के संस्थापकों ने हिस्सा लिया। इन्होंने अमेरिका-भारत प्रौद्योगिकी सहयोग को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की।
रायमोंडो ने कहा, ‘‘ ‘इनोवेशन हैंडशेक’ के जरिए अमेरिका और भारत एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी साझेदारी कायम कर रहे हैं जो हमारे परस्पर जुड़े नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह अमेरिका-भारत वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मैं अमेरिकी और भारतीय श्रमिकों तथा व्यवसायों को सफल होने में मदद करने के लिए मंत्री गोयल के साथ इस प्रगति को आगे बढ़ाने को लेकर उत्सुक हूं।’’
गोयल ने कहा, ‘‘ ‘इनोवेशन हैंडशेक’ स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और भारत तथा अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त प्रतिबद्धता का संकेत देता है। इनोवेशन हैंडशेक के जरिए नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना 21वीं सदी में भारत-अमेरिका साझेदारी को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस घोषणा ने 2024 की शुरुआत में भारत और अमेरिका में होने वाले ‘इनोवेशन हैंडशेक’ के दो कार्यक्रमों के लिए आधार तैयार किया। इसमें एक निवेश मंच शामिल है जिसका मकसद अमेरिकी तथा भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को उनके अभिनव विचारों तथा उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करना है। दूसरा सिलिकॉन वैली में एक ‘हैकथॉन’ जहां अमेरिकी तथा भारतीय स्टार्टअप वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए विचारों तथा प्रौद्योगिकियों को पेश करेंगे।
अमेरिकी सरकार के अनुसार, ‘इनोवेशन हैंडशेक’ का मकसद दोनों देशों के गतिशील स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ना, सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं से निपटना और खासकर उभरती प्रौद्योगिकियों में नवाचार तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।