काठमांडू, नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में शुक्रवार को आए भूकंप के बाद बेघर हुए हजारों लोग भोजन, कपड़े और दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं क्योंकि कई स्थानों पर राहत सामग्री और मदद अब तक नहीं पहुंची है।
आपदा के पीड़ितों ने अपने मृत रिश्तेदारों का रविवार को अंतिम संस्कार किया।
जाजरकोट में नलगाड नगरपालिका के चिउरीटोल निवासी हस्ता बहादुर केसी अपने बेटे, बहू और अपने चार साल के पोते की मृत्यु से स्तब्ध हैं। उनका बेटा भीमसेन बीके कुछ दिन पहले ही दशैन (विजयादशमी) उत्सव के लिए घर आया था और वह भारत लौटने की योजना बना रहा था जहां वह काम करता था।
भीमसेन, उसकी पत्नी और बेटा उन 157 लोगों में शामिल थे जो नेपाल में शुक्रवार को आए 6.4 तीव्रता के भूकंप में मारे गए। भूकंप का केंद्र जाजरकोट के रमीदाना में था।
भूकंप के झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए थे।
‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार ने हस्ता बहादुर के हवाले से कहा, ‘‘केवल मैं और मेरी पत्नी बचे हैं। हम दोनों शुक्रवार रात से एक तंबू में रह रहे हैं।’’
चिउरीटोल के निवासी सुरेश बीके के अनुसार, गांव में 13 लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि कई अन्य भूकंप में घायल हुए हैं।
सुरेश ने कहा कि गांव में कम से कम 56 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं जबकि 110 मकानों की हालत ऐसी हो गई है कि वहां रहा नहीं जा सकता।
ग्रामीण मदद पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।
सुरेश ने कहा, ‘‘हमें अब तक कोई मदद नहीं मिली है। हमारी सारी फसल, अनाज, खाने पीने की चीजें, कपड़े एवं अन्य कीमती चीजें मलबे में दब गए हैं। हम उन्हें निकालने में सक्षम नहीं हैं, सब कुछ खत्म हो गया है। कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है जो हमारी मदद करे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाहर बेहद असहनीय ठंड है और शुक्रवार रात से हममें से कोई सोया नहीं है।’’
भेरी नगरपालिका में भी भूकंप पीड़ित मदद और राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं, जहां कई गांव भूकंप से प्रभावित हैं।
भेरी नगरपालिका के महापौर चंद्र प्रकाश घत्री ने कहा कि स्थानीय इकाई राहत वितरण के लिए आंकड़े जुटा रही है, जिसके कारण प्रभावित गांवों को तत्काल राहत सामग्री भेजने में देरी हो रही है।
घत्री ने कहा, ‘‘क्षति का शुरुआती आकलन पूरा हो गया है। हम सोमवार को सुरक्षा कर्मियों की मदद से प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरण शुरू करेंगे।’’
भूकंप पीड़ितों को तुरंत मदद की आवश्यकता है और उन्होंने सरकार पर आपात स्थितियों के दौरान भी मदद पहुंचाने में देरी का आरोप लगाया है।