सीढ़ी के माध्यम से व्यक्ति एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक आता जाता है। आधुनिकता एवं विज्ञान ने मिलकर इस सीढ़ी को यांत्रिक रूप देकर स्वचालित कर दिया है। लिफ्ट, एलिवेटर आदि ऐसे माध्यम हैं जिनसे व्यक्ति बिना श्रम किए कुछ पलों में वांछित मंजिल या मुकाम तक पहुंच जाता है।
सीढ़ी के नवीन रूप को सभी महत्त्व देते हैं, उपयोग करते हैं जबकि पांव-पांव तय की जाने वाली सीढ़ी उपेक्षित व सदैव खाली रहती है। प्राचीन सीढ़ी का स्वरूप, नवीन रूप के सामने विकल्प के लिए विद्यमान रहता है।
यह पांव-पांव तय की जाने वाली सीढ़ी एक संपूर्ण व्यायाम का साधन भी है। इसका यथाशक्य (यथाशक्ति) उपयोग कर वांछित स्वास्थ्य लाभ भी पाया जा सकता है। इसके उपयोगकर्ता के शरीर पर वैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है जो कई रोगों के निदान में काम भी आता है।
बढ़े काम की है सीढ़ी
पांव-पांव तय की जाने वाली सीढ़ी अपने प्राचीन रूप में बड़ी लाभदायी है। इसका विभिन्न व्यायाम माध्यम जिम, सायकिलिंग, रेसिंग, पदयात्रा, स्वीमिंग, जागिंग, आदि की भांति महत्त्व है। उनके समान इससे भी लाभ पाया जा सकता है। यदि आप समर्थ हैं और पास में सीढ़ी है तो उसका उपयोग अवश्य कीजिए और सेहत बनाइए।सीढ़ी चढ़ने से सेहत पर प्रभाव
पहले-पहले कुछ सीढ़ी चढ़ना, उतरना आरंभ कीजिए। पहले रेलिंग को पकड़ कर चढ़िए उतरिए, फिर इसे पकड़े बिना ऐसा कीजिए। प्रतिदिन सीढ़ियों की संख्या एवं चढ़ने-उतरने की गति बढ़ाते जाइये। यदि शरीर में कहीं पर इससे दर्द नहीं है, पसीना-पसीना नहीं हो रहे हैं, सांस लेने में असुविधा नहीं है, तब तय की जाने वाली सीढ़ियों की संख्या व गति अपनी शक्ति के अनुरूप कर सकते हैं।
प्रथमतः इससे पंजे, एड़ी, पैर, पिंडली, जांघ, भुजा, फेफड़े, सांस नली आदि मजबूत होंगी। इनमें ताकत आएगी। इनकी शक्ति बढ़ेगी। पैर सुडौल होंगे। शरीर बलिष्ठ होगा। हृदय, मस्तिष्क, कोशिकाओं नस-नाड़ियों, मांसपेशियों, पाचन-शक्ति सबमें सुधार दिखेगा।
खाया गया भोजन शरीर के काम आएगा। रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्राल नियंत्रित होगा। मोटापा, वजन कम होगा। शरीर हल्का लगेगा। अतिरिक्त मात्रा में जो ऊर्जा, वसा, मोटापा, वजन है, वह कम हो जाएगा। हृदय, फेफड़े, पाचन शक्ति, हड्डियां, मांस पेशियां सब धीरे-धीरे मजबूत हो जाएंगी। बीपी, शुगर, मोटापा, वजन कोलेस्ट्राल सब काबू में आ जाएगा।
सावधानियां
बीमार व कमजोर व्यक्ति रेलिंग पकड़ कर सीढ़ी चढ़ें, उतरे। गति अत्यंत धीमी रखें। सामर्थ्य आने पर सीढ़ियों की संख्या व गति बढ़ाएं। यदि दर्द हो रहा हो, पसीना-पसीना हो रहे हैं, सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो थम जाएं, विश्राम करें। चिकित्सक से मार्गदर्शन प्राप्त करें। खाली पेट ऐसा अधिक न करें। हड्डी व हृदय रोगी चिकित्सक के अनुसार सीढ़ी का उपयोग करें।
अच्छे स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाइए। सीढ़ी चढ़िए, तनाव थोड़ा कम कीजिए। सीढ़ी बिना धन खर्च किए श्रेष्ठ व्यायाम माध्यम है, लाभ लीजिए। यह सफलता व सेहत की सीढ़ी भी है।