नयी दिल्ली, भारत का वनस्पति तेल आयात अक्टूबर, 2023 में समाप्त तेल वर्ष में 16 प्रतिशत बढ़कर 167.1 लाख टन हो गया। उद्योग निकाय एसईए ने सोमवार को बताया कि कुछ खाद्य तेलों पर कम शुल्क की वजह से आयात बढ़ा है।
देश ने तेल वर्ष 2021-22 (नवंबर-अक्टूबर) में 144.1 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था।
तेल वर्ष 2022-23 के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात में से 164.7 लाख टन खाद्य तेल था, जबकि गैर-खाद्य तेल का हिस्सा केवल 2.4 लाख टन था।
भारत दुनिया में वनस्पति तेल का अग्रणी खरीदार है।
मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, ‘‘तेल वर्ष 2022-23 के दौरान खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 164.7 लाख टन हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 24.4 लाख टन की यह वृद्धि कच्चे पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर मौजूदा 5.5 प्रतिशत का निचला शुल्क है।’’
एक बयान में कहा गया, आयात के इस प्रवाह ने भारत को अतिरिक्त तेल आपूर्ति के लिए एक प्रमुख गंतव्य में बदल दिया है।
इसमें कहा गया कि विशेष रूप से आरबीडी पामोलिन आयात कुल पाम तेल आयात का 25 प्रतिशत से अधिक है, जो घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को काफी प्रभावित कर रहा है। ये उद्योग अपनी स्थापित क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।
एसईए ने कहा कि मूल्य के संदर्भ में देश का खाद्य तेल आयात 2022-23 में 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2021-22 में 1.57 लाख करोड़ रुपये और 2020-21 में 1.17 लाख टन था।