तिरुवनंतपुरम, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों पर राज्य में सहकारी क्षेत्र के बैंकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि देश के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं के प्रति केंद्र ने अपनी आंखें मूंद रखी है।
विजयन ने आरोप लगाया कि ईडी जैसी एजेंसियां सहकारिता क्षेत्र को बर्बाद करने के गलत इरादे के साथ केरल आ रही हैं ताकि वे प्रदर्शित कर सकें कि यहां सहाकारी बैंकों में कुछ गलत हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के राजनीति से प्रेरित कदमों को राज्य में न तो स्वीकार किया जाएगा और न ही इसकी अनुमति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री यहां सहकारी क्षेत्र की सुरक्षा विषय पर आयोजित एक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद इसे संबोधित कर रहे थे।
विजयन ने कहा कि राज्य में सहकारी क्षेत्र के बैंकों में 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि है। ये बैंक प्रभावकारी तरीके से और पेशेवर रूप से काम कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस क्षेत्र को बर्बाद करने के मकसद से केंद्रीय एजेंसियां यहां आ रही हैं।’’
करुवन्नूर बैंक घोटाले का जिक्र करते हुए विजयन ने कहा कि एक समय प्रतिष्ठान में भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद, सहकारिता विभाग एवं पुलिस, दोनों ने कार्रवाई की थी।
उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, लेकिन सरकार ने बैंक को बंद नहीं किया, बल्कि सहकारी बैंकों पर लोगों के भरोसे को कायम रखने के लिए इसका समर्थन करने की कोशिश की।
विजयन ने आरोप लगाया, ‘‘ईडी उस जगह पर ऐसे पहुंची जैसे उसे कुछ नया मिल गया हो। वह प्रदर्शित करना चाहती है कि राज्य में सहकारी क्षेत्र को बर्बाद करने के मकसद से अनियमितताएं हो रही है। हम इसे न तो स्वीकार कर सकते हैं और न ही इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘देश के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की जांच करने के बजाय, जहां राज्य सरकारों ने कोई कार्रवाई नहीं की, वह यहां आ रही है।”
विजयन ने यह भी दावा किया कि ईडी एक ऐसी एजेंसी है जिसकी देश की अदालतों ने कड़ी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 66 लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंसा हुआ कर्ज है, जिसमें से लगभग 16 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने माफ कर दिए हैं।
विजयन ने कहा, ‘‘ये बड़ी अनियमितताएं बड़ी कॉरपोरेट (निजी) कंपनियों के शीर्ष पद पर आसीन लोगों द्वारा की गईं। उन्होंने धोखाधड़ी की और विदेश भाग गए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे 15 प्रतिशत कारोबारियों के केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से तार जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वे सुरक्षित हैं। कोई उनसे सवाल नहीं पूछता।’’