नयी दिल्ली, बीएसई ने अपने एसएमई मंच से मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित होने को इच्छुक छोटे एवं मध्यम उद्यमों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके तहत आवेदक के पास पिछले दो वित्त वर्षों में कम से कम 15 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए।
दिशानिर्देशों के तहत, आवेदक कंपनी को कम से कम तीन वर्षों के लिए एसएमई मंच पर सूचीबद्ध होना आवश्यक है। इसके अलावा मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित होने से पहले उनके पास 250 सार्वजनिक शेयरधारक होने चाहिए।
एसएमई का परिचालन लाभ कम से कम तीन वित्त वर्षों में से किसी दो में सकारात्मक होना चाहिए। साथ ही एक्सचेंज में स्थानांतरण आवेदन करने वाले मौजूदा वित्त वर्ष में शुद्ध मुनाफे में बढ़ोतरी दर्ज की हो।
बीएसई ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘ आवेदक के पास पिछले दो पूर्ण वित्त वर्षों के लिए कम से कम 15 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए।’’
इसके अलावा आवेदक की चुकता इक्विटी पूंजी 10 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए और बाजार पूंजीकरण कम से कम 25 करोड़ रुपये होना चाहिए।
आवेदक कंपनी पर राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में अतीत में या वर्तमान में कोई मामला नहीं होना चाहिए। पिछले तीन वर्षों में किसी भी स्टॉक एक्सचेंज ने एसएमई और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ व्यापार को निलंबित करने जैसी कोई नियामक कार्रवाई नहीं की गई हो।
साथ ही, आवेदक कंपनी उसके प्रवर्तकों के साथ-साथ उसकी अनुषंगी कंपनी को पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया हो।
एक्सचेंज ने एसएमई मंच पर सूचीबद्धता के लिए पात्रता मानदंड में भी बदलाव किया।
बीएसई ने कहा कि नए दिशानिर्देश एक जनवरी 2024 से प्रभावी होंगे।
आंकड़ों के अनुसार, अभी तक 464 कंपनियां बीएसई एसएमई मंच पर सूचीबद्ध हो चुकी हैं, जिनमें से 181 मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित हो गई हैं।
शीर्ष शेयर बाजारों बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने इन कंपनियों के सूचीबद्ध होने की राह आसान बनाने और लागत प्रभावी तरीके से वृद्धि एवं विस्तार के लिए इक्विटी पूंजी जुटाने में मदद करने के लिए मार्च 2012 में एसएमई के लिए समर्पित एक मंच शुरू किया था।