वाशिंगटन, अमेरिका ने देश में इस साल एक सिख चरमपंथी नेता की हत्या की कथित साजिश की जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के वास्ते दबाव डालने के उद्देश्य से अपने दो शीर्ष खुफिया अधिकारियों को भारत भेजा।
यह जानकारी बुधवार को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से एक प्रमुख अमेरिकी समाचारपत्र की एक खबर से मिली।
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के अनुसार, अलगाववादी खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के संबंध में बुधवार को संघीय अभियोजकों द्वारा न्यूयॉर्क की एक अदालत में भारतीय नागरिक, निखिल गुप्ता के खिलाफ एक अभ्यारोपण दायर किये जाने की उम्मीद है। पन्नू एक अमेरिकी और कनाडाई नागरिक है।
यह खबर ऐसे दिन आयी है जब भारत ने कहा कि उसने अमेरिकी धरती पर एक सिख चरमपंथी की हत्या की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है।
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की खबर के अनुसार, अमेरिका को अमेरिकी धरती पर एक अलगाववादी सिख नेता की हत्या की नाकाम साजिश का पता चला।
इसमें कहा गया है कि इस मुद्दे को राष्ट्रपति जो बाइडन और सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स सहित शीर्ष नेतृत्व द्वारा उठाया गया है और उन्होंने भारत से इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है।
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने बाइडन प्रशासन के अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए बताया, “गुप्ता ने कथित तौर पर कई अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची, जिनमें से कम से कम एक को भारत में अधिकारी माना जाता है।”
जून में ‘ड्रग इन्फोर्समेंट एडमिंस्ट्रेशन’ ने साजिश को, कनाडा में एक सिख अलगाववादी की हत्या के तुरंत बाद नाकाम कर दिया गया था।
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस साल की शुरुआत में अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश का पता चलने से बाइडन प्रशासन इतना चिंतित हो गया कि उसने भारत सरकार से जांच करने और जिम्मेदार लोगों को पकड़ने की मांग करने के लिए अपने शीर्ष दो खुफिया अधिकारियों को नयी दिल्ली भेजा।’’
ये दो अधिकारी सीआईए निदेशक विलियम जे. बर्न्स और नेशनल इंटैलिजेंस के निदेशक एवरिल हेन्स हैं।