नयी दिल्ली, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने अपने महासचिव शाजी प्रभाकरण को विश्वास के हनन के कारण बर्खास्त कर दिया ।
प्रभाकरण को नियुक्ति के 14 महीने के भीतर ही बर्खास्त कर दिया गया । एआईएफएफ ने यह नहीं बताया कि विश्वास के हनन की किस घटना के कारण यह कदम उठाना पड़ा
एआईएफएफ ने एक बयान में कहा ,‘‘ अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ इसकी घोषणा करता है कि डॉक्टर शाजी प्रभाकरण की सेवायें विश्वास के हनन के कारण सात नवंबर 2023 को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दी गई है ।’’
इसमें कहा गया ,‘‘ एआईएफएफ उप महासचिव सत्यनारायणन एम कार्यवाहक तत्काल प्रभाव से महासचिव होंगे ।’’
एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने मंगलवार को प्रभाकरण को बर्खास्तगी का पत्र दिया । उन्हें तीन सितंबर 2022 को ही यह पद दिया गया था ।
प्रभाकरण ने अभी तक इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया नहीं दी है ।
इससे पहले एआईएफएफ उपाध्यक्ष एन ए हैरिस ने पीटीआई को बताया कि प्रभाकरण की कार्यशैली से एआईएफएफ कार्यकारी समिति के सदस्य भी खुश नहीं थे ।
प्रभाकरण ने सोमवार की रात एक्स पर एक पोस्ट में संकेत दिया था कि एआईएफएफ में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ।
उन्होंने लिखा था ,‘‘ हमें खेल के प्रति ईमानदार रहना होगा । जब हम सत्ता और प्रभावशाली पद पर होते हैं तो जिम्मेदारी और बढ जाती है । हमें अपने निजी हितों के बिना पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से काम करना चाहिये ।’’
उन्होंने कहा था ,‘‘ हमें निजी हितों को फैसलों पर हावी नहीं होने देना चाहिये । भारतीय फुटबॉल को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के अपने मिशन पर फोकस करना चाहिये । ’’
दिल्ली फुटबॉल संघ के अध्यक्ष रहे प्रभाकरण ने छह सितंबर 2022 को एआईएफएफ महासचिव कर पद संभाला था ।
यहां बृहस्पतिवार को कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई गई है जिसमें सदस्यों को औपचारिक तौर पर इस घटनाक्रम की जानकारी दी जायेगी ।