आदित्यनाथ ने पूछा,”क्या कांग्रेस के राज में बन सकता था अयोध्या में भव्य राम मंदिर”

पन्ना/ अशोकनगर (मध्यप्रदेश), कांग्रेस पर लोगों की आस्था का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पूछा कि क्या अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर कांग्रेस के राज में भव्य मंदिर बन सकता था।

आदित्यनाथ ने मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों का प्रचार थमने से चंद घंटों पहले पवई और अशोक नगर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की चुनावी सभाओं में मौजूद लोगों से यह सवाल करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि 500 सालों के इंतजार के बाद अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है।

आदित्यनाथ ने सवाल किया, ‘‘कांग्रेस (सत्ता में) रहती, तो क्या अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो पाता।’’

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद केदारनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के साथ ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन में “महाकाल लोक” के विकास कार्य भाजपा के शासनकाल में किए गए हैं।

मतदाताओं से मुखातिब आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस न तो विकास और गरीब कल्याण के काम कर सकती है, न ही आपकी आस्था का सम्मान कर सकती है, तो कांग्रेस जैसे बोझ को ढोने का क्या मतलब है?”

उन्होंने विधानसभा की 403 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के केवल दो विधायक होने का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि उत्तरप्रदेश जैसा राज्य जब कांग्रेस को इस स्थिति में पहुंचाता है, तो राम मंदिर की समस्या का समाधान होता है।

आदित्यनाथ ने आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद को कांग्रेस की देन करार देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार ने इन समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये समस्याएं कांग्रेस के वोट बैंक से जुड़ी थीं और इस पार्टी की “कमाई का जरिया” भी हुआ करती थीं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में कथित रूप से खराब कानून-व्यवस्था के कारण होली-दीपावली जैसे त्योहारों पर कर्फ्यू लग जाता था और त्योहारी उल्लास के बजाय दहशत का माहौल रहता था।

आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने राज में वोट बैंक की राजनीति के कारण लोगों को जातियों के नाम पर बांटकर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर दिया।

उन्होंने कहा,‘‘जब लोगों को कुछ देने के लिए कांग्रेस की सरकार की बारी आती थी, तो इनके नेता कहते थे कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार तो मुसलमानों का है। वे यह नहीं कहते थे कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं का है।’’

आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जोड़ी ने मध्यप्रदेश को देश के विकसित राज्यों की पंक्ति में खड़ा कर दिया है जो कांग्रेस के राज में ‘‘बीमारू’’ प्रदेश कहलाता था।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ का नारा उस रामराज्य की आधारशिला है जहां किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जाता और सभी लोगों का विकास किया जाता है, “लेकिन किसी भी वर्ग का तुष्टिकरण नहीं किया जाता।”