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नयी दिल्ली,  नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बृहस्पतिवार को दीर्घकालिक कृषि विकास के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच साझेदारी की अहमियत पर जोर दिया।

चंद ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और देशभर में खेती के तौर-तरीकों की विस्तृत श्रृंखला को चिह्नित करने के लिए नए तरीकों के साथ आने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र भारत में सटीक खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह कृषि विकास को समर्थन देने के लिए सलाहकार सेवाएं, कृषि रसायन और उपयुक्त तकनीक मुहैया करा सकता है।’’

उन्होंने भारत के कृषि उद्योग, खासकर पशुपालन एवं मत्स्य पालन में दर्ज की गई वृद्धि का भी उल्लेख किया। इन क्षेत्रों में लगभग 2.75 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है।

नीति आयोग के सदस्य ने कृषि एवं जलवायु परिवर्तन के बीच के जटिल अंतर्संबंधों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘‘असली चुनौती उत्पादकता बढ़ाने की है। इसके लिए हमें लागत, प्रौद्योगिकी प्रगति और संसाधन सक्षमता से जुड़ी चिंताओं को दूर करना होगा।’’

चंद ने भारत के कृषि परिवेश में छोटी जोत वाले किसानों के दबदबे और इसका दायरा बढ़ाने से जुड़ी समस्याओं पर भी प्रकाश डाला