बाप-बेटे के रिश्ते : क्यों बढ़ रही है दूरियां?

आज के इस बदलते परिवेश में मानव मन और रिश्ते दोनों ही बदलते जा रहे हैं। हमारे समाज में सास-बहू के झगड़ों के किस्से पुराने जमाने से ही काफी मशहूर हैं लेकिन अब बाप-बेटे के रिश्ते ने एक नया मोड़ ले लिया है। सास-बहू के रिश्ते से भी ज्यादा कड़वाहट आज इस रिश्ते में भर गयी है।


अब प्रायः दस में से छः परिवारों की यही कहानी है। बाप-बेटे की बनती नहीं क्योंकि दोनों के विचार आपस में टकराते हैं। न तो पिता, पुत्रा को समझते हैं और न ही पुत्रा पिता को। इस कारण पिता और पुत्रा के बीच की दूरियां बढ़ती ही जा रही हैं। इन दोनों के बीच बढ़ते तनाव के कारण सारे घर का वातावरण अशांत हो जाता है। अंजाम, एक दिन बेटा जोश में आकर घर छोड़कर चल जाता है।


युवा पीढ़ी जल्दबाजी में कोई ऐसा निर्णय ले लेती हैं कि उनकी सारी जिदंगी बर्बाद हो जाती है। बड़े शहरों में ऐसे लड़कों की तादाद बढ़ती ही जा रही है जो किसी होटल में या रेस्तरां में काम करके अपना पेट भर रहे हैं। इस छोटी सी गलती के कारण वे अपनी सारी जवानी बर्बाद कर लेते हैं।


हमारी सभ्यता के अनुसार पिता और पुत्रा के रिश्ते को बहुत ही सम्मानजनक और आदरणीय माना गया है लेकिन पहले की अपेक्षा अब संयुक्त परिवारों की संख्या घटी है। घर में एक बूढ़े-बुजुर्ग की कमी के कारण युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूलती जा रही है। बेटे अपने पिता को सिर्फ अपने भरण-पोषण का साधन समझते हैं।
इन रिश्तों को फिर से मधुर बनाने के लिए पिता और पुत्रा के बीच तालमेल होना जरूरी है। पिता को चाहिए कि वे थोड़ा सा वक्त अपने पुत्रा के साथ गुजारें। उसकी रूचि अरूचि का पता लगायें और जिस विषय में उसकी रूचि हो, उस क्षेत्रा में आगे बढ़ने के लिए उसे प्रोत्साहन दें।


माता-पिता को बचपन से ही अपने बच्चों को अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में बताना चाहिए। वे लड़के जिन्होंने अभी अभी किशोरावस्था से युवावस्था में कदम रखा हैं, उनके भटकने की संभावना ज्यादा होती है, इसीलिए ध्यान रखें कि वह कहीं गलत दोस्तों के चक्कर में तो नहीं पड़ गया है।


इस उम्र के दौरान पिता को अपने पुत्रा से मित्रावत् व्यवहार करना चाहिए, न कि शासक जैसा। आज के इस युग में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी बीमारी है, इसीलिए पिता को अपने पुत्रा की बेरोजगारी पर ताने नहीं मारने चाहिए। उसे अपनी कोशिश जारी रखने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए न कि घर से निकाल देना चाहिए। ऐसे में लड़कों का गलत रास्ते की ओर अग्रसर होना स्वाभाविक है।