नयी दिल्ली, कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस) के निदेशक के.एस. जेम्स से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि उनका निलंबन रद्द होना स्वागत योग्य है, लेकिन ‘समय से पहले और जबरन इस्तीफा लिया जाना’ जनसांख्यिकीय विद्वता की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार में स्वतंत्र और पेशेवर आवाज के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने एक खबर का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि जेम्स द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद उनके निलंबन को रद्द कर दिया गया है। जेम्स को अनियमितता संबंधी आरोपों की जांच के चलते जुलाई महीने में निलंबित किया गया था।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इस साल की शुरुआत में मैंने इस विद्वान के साथ मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त किया था। उनका एकमात्र दोष यह था कि उनके नेतृत्व में एक स्वतंत्र संस्था द्वारा एकत्र किया गया डेटा मोदी सरकार के लिए असुविधाजनक था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने सबसे पहले उन्हें मामूली आरोपों पर गत 28 जुलाई को निलंबित कर दिया था। फिर 7 अगस्त को डॉ. जेम्स ने स्वयं इस्तीफा दे दिया। अब, तीन महीने बाद उनके निलंबन को रद्द करना सरकार द्वारा चेहरा बचाने की नौटंकी है, हालांकि यह स्वागत योग्य है कि उनका सम्मान सुरक्षित है, लेकिन उनका समय से पहले और जबरन इस्तीफा जनसांख्यिकीय विद्वता की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका है।
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार में स्वतंत्र, पेशेवर आवाज के लिए कोई जगह नहीं है। इसे केवल वाह-वाह करने वाले चाहिए। ऐसे में हमारी संस्थाओं और शासन की विश्वसनीयता प्रभावित होती