तंजानिया की राष्ट्रपति हसन जेएनयू से डॉक्टरेट की मानद उपाधि पाने वाली पहली महिला बनीं
Focus News 10 October 2023नयी दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को मंगलवार को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा। इसी के साथ, वह जेएनयू द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित की जाने वाली पहली महिला बन गईं।
हसन तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति हैं। वह रविवार को चार दिवसीय दौरे पर भारत आई थीं। उन्होंने अफ्रीका के एक गांव से ताल्लुक रखने वाले एक साधारण परिवार में पैदा होने से लेकर देश की राष्ट्रपति बनने तक के अपने सफर के बारे में बताया।
डॉक्टरेट की मानद उपाधि स्वीकार किए जाने के बाद अपने संबोधन में हसन ने कहा, ‘‘दुनिया कहती है कि भारत के प्यार में पड़ने से बचने का कोई रास्ता नहीं है, चाहे वह भारतीय गीत हों, भारतीय फिल्में हों या भारतीय व्यंजन हों, भारतीय आकर्षण से दूर रह पाना बहुत मुश्किल है। मुझे इसका अनुभव तब हुआ, जब मैं पढ़ाई के सिलसिले में 1998 में पहली बार हैदराबाद आई थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिवार के एक सदस्य के रूप में खड़ी हूं, न कि एक अतिथि के रूप में। यही बात भारत को अत्यंत सम्मोहक बनाती है। यही बात भारत को अतुल्य भारत बनाती है।’’
कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए।
जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत और तंजानिया के बीच आर्थिक संबंध हमेशा एक मजबूत स्तंभ रहे हैं। तंजानिया के साथ हमारे व्यापारिक संबंध सदियों पुराने हैं, जब भारत के पश्चिमी तट के व्यापारी पहली बार व्यापार और वाणिज्य के लिए समुद्री मार्ग से पूर्वी अफ्रीका गए थे। (कोविड-19) महामारी से उत्पन्न वैश्विक व्यवधान और चुनौतियों के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार में दोनों ओर से मजबूत वृद्धि देखी गई है।’’
वहीं, प्रधान ने कहा कि भारत नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर रहा है, जिसकी नींव समानता, पहुंच, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के स्तंभों पर टिकी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘तंजानिया भारत का एक प्रमुख अफ्रीकी भागीदार है और हम आपके सहयोग पर भरोसा करते हैं… हमें उच्च शिक्षा प्रणाली में और अधिक सहयोग करने की आवश्यकता है।’’
तंजानिया की राष्ट्रपति ने हैदराबाद में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान में भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण हासिल किया है।
आईटीईसी एक क्षमता-निर्माण कार्यक्रम है, जिसकी पेशकश विदेश मंत्रालय करता है। इसके तहत अधिकारियों और नागरिकों को रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है।
कार्यक्रम में जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने दीक्षांत समारोह को ‘नारी शक्ति’ और ‘अमृतकाल’ में महिलाओं के नेतृत्व में हुए विकास का प्रदर्शन बताया। उन्होंने एक सफल जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन की दिशा में भारत की प्रगति के लिए जयशंकर और प्रधान को बधाई दी।
जेएनयू की पहली महिला कुलपति पंडित ने कहा, ‘‘हम आज ‘नारी शक्ति’ का जश्न मनाते हैं। हम ‘अमृतकाल’ में महिलाओं के नेतृत्व में हुए विकास का जश्न मनाते हैं। तंजानिया भारत का एक शानदार मित्र है और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय इस समारोह का हिस्सा बनकर खुश है।’’
पंडित ने हसन को जेएनयू के सेंटर फॉर अफ्रीकन स्ट्डीज में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित भी किया। हसन मंगलवार को दिल्ली में व्यापार और निवेश मंच की बैठक में भी हिस्सा लेंगी।