तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु), तिरुचिरापल्ली स्थित तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) की एक एसोसिएट प्रोफेसर दो महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर इजराइल गई थीं और वहां संघर्ष क्षेत्र में फंस गई हैं। प्रोफेसर ने स्वदेश लौटने के लिए मदद मांगी है। यह जानकारी उनके पति ने दी, जो कि इसी विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष हैं।
टीएनएयू के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभाग के प्रमुख टी रमेश ने कहा कि उनकी पत्नी राधिका दक्षिणी इजराइल के एक बड़े रेगिस्तानी क्षेत्र ‘द नेगेव’ में रात के समय सो नहीं पा रही हैं, क्योंकि यह क्षेत्र गाजा के करीब स्थित है।
रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘शनिवार को बमबारी से पहले सायरन की आवाज सुनने के बाद राधिका को तीन दिनों तक एक आश्रय स्थल में शरण लेनी पड़ी और वह इजराइल सरकार की घोषणा के बाद नेगेव में अपने कमरे पर लौटी।’’
रमेश ने कहा, “वर्तमान में, राधिका सुरक्षित हैं और उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि इजराइल और फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच जारी युद्ध के कारण राधिका तनाव में हैं।
रमेश ने कहा, ‘‘वह (राधिका) घर लौटना चाहती हैं और हमारा 13 साल का बेटा भी आशंकित है तथा अपनी मां को सुरक्षित घर वापस देखना चाहता है।’’
राधिका, बेन-गुरियन विश्वविद्यालय में भारत सरकार द्वारा प्रायोजित दो महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 23 सितंबर को इजराइल रवाना हुई थीं। युद्ध शुरू होने के बाद से वह और उनके पति दोनों तमिलनाडु और केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं।
रमेश ने बताया कि उन्हें व्हाट्सऐप संदेशों से अपनी पत्नी की मुश्किल स्थिति के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास पहले ही उनसे संपर्क कर चुका है और उनके अनुरोध पर जल्द कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
भारत सरकार द्वारा इजराइल और फलस्तीन से नागरिकों को वापस लाने के लिए “ऑपरेशन अजय” शुरू करने के बाद तमिलनाडु सरकार ने कहा कि राज्य के लगभग 21 लोग 12 अक्टूबर को पहली उड़ान से नयी दिल्ली पहुंच गए हैं।
चेन्नई में एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘कोयंबटूर, तिरुवरूर, कुड्डालोर, तिरुचिरापल्ली, थेनी, करूर, विरुधुनगर, नमक्कल, पुदुकोट्टई, कांचीपुरम और चेन्नई से 21 लोग चेन्नई और कोयंबटूर हवाई अड्डे पर पहुंच गए हैं।’’
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्य सरकार इजराइल में फंसे सभी तमिलों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और भारतीय दूतावास के अधिकारियों के माध्यम से सभी कदम उठा रही है।