मां‘ शब्द में इतना प्यार झलकता है कि जब स्वयं मां बनते हैं तो इसकी अनुभूति होती है। विवाह के उपरांत मां बनना हर महिला का स्वप्न होता है। औरत के लिए यह एक विशेष तजुर्बा भी है लेकिन इस सारी लंबी प्रक्रिया में कई परेशानियां भी आती हैं। उनसे घबराना नहीं चाहिए। कुछ बातों को ध्यान में रखें तो काफी परेशानियों पर काबू पाया जा सकता है।
डिलीवरी के बाद महिलाओं का लाइफस्टाइल इतना बदल जाता है कि कभी कभी कुछ महिलाएं बेबी के जन्म के बाद डिप्रेशन में चली जाती हैं। वे अपने नये लाइफस्टाइल के साथ तालमेल नहीं बिठा पाती। नवजात शिशु की कई समस्याएं ऐसी होती हैं जिन्हें वो समझ नहीं पाती।
अगर आप सही चीजें खाएं, पूरा आराम करें, अपना ध्यान रखें और नवजात शिशु की समस्याएं क्या होती हैं जिनका सामना आपको करना है। उस बारे में गर्भावस्था में कुछ ऐसी पुस्तकें पढ़ें तो आपको कम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
एक्सपर्टस के अनुसार
नियमित तेल मालिश करवाएं
नार्मल डिलीवरी के कुछ दिन बाद से नियमित सरसों के तेल से शरीर की मालिश करवानी चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर बेडौल हो जाता है और कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। पुनः अपने ढीले शरीर को शेप में लाने के लिए मालिश कारगर होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान रिलेक्सिन नामक हारमोन के कारण जोड़ ज्यादा लचीले हो जाते हैं। गुनगुने सरसों के तेल की मालिश से हारमोन्स धीरे-धीरे नार्मल हो जाते हैं।
नियमित सैर करें
डिलीवरी के कुछ समय बाद लगभग दो माह बाद नियमित सैर पर जाना काफी फायदेमंद होता है। हो सके तो तीन माह पूर्ण होने पर बेबी को भी साथ सैर पर ले जाएं जैसे शाम के समय प्राम में बेबी को पास वाले पार्क में जा सकते हैं। प्राकृतिक वातावरण और ऑक्सीजन बेबी के विकास के लिए अच्छी होती है। घर पर सास हों तो उन्हें भी ले जाएं। वो थक जाएं जो बेबी का ध्यान रख सकती हैं और आप वाक ले सकती हैं। आप भी खुले आसमान में खुले वातावरण में स्वयं को तरो ताजा महसूस करेंगी और धीरे धीरे बॉडी भी शेप में आ जाएगी।
डांस क्लास
डॉक्टर से परामर्श के बाद आप चाहें तो कोई डांस क्लास जवाइन कर सकती हैं। इससे आपका एंजायमेंट भी होगा और कैलरीज भी बर्न होंगी। जिस भी डांस में आपका मन हो, चूज कर सकती हैं। जिंदगी खुशनुमा लगेगी।
संगीत और अध्ययन का आनंद लें
डिलीवरी के बाद लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव आ जाता है। यदि उस बदलाव को अपनी जिंदगी का हिस्सा मान लें तो नई-नई मां बनने का सुखद अहसास और बढ़ जाता है। ऐसे में अपने शौक पर भी ध्यान दें। हल्का अच्छा म्यूजिक सुनें। बेबी भी उस संगीत का लुत्फ उठाएगा। उसे महसूस होगा कि उसके साथ कोई मधुर स्वर में बात कर रहा है। बच्चे के उचित लालन पालन और संबंधित साधारण समस्याओं को पढ़ें ताकि आपको छोटी सी बात बड़ी समस्या न लगे। पुस्तकें पढ़ने से और म्यूजिक सुनने से आपको अच्छा और पॉजिटिव महसूस होगा।
स्विमिंग
डॉक्टर से परमिशन लेकर आप 1 घंटा स्विमिंग भी कर सकती हैं। स्विमिंग से आपका स्ट्रेस कम होगा और शरीर के जोड़ भी स्ट्रांग बनेंगे जिससे आपको जोड़ों के दर्द की समस्या भी कम होगी। स्विमिंग से पूरा शरीर प्रभावित होता है। अपनी मसल्स को मजबूत बनाने के लिए आप को स्विमिंग न आती हो तो सीख सकती हैं।
खान पान पर खास ध्यान दें
डिलीवरी के बाद शरीर में इतने बदलाव आते हैं कि यदि हम अपने उचित आहार पर ध्यान नहीं देंगे तो हम स्वस्थ नहीं रह पाएंगे। ब्रेकफास्ट अवश्य करें। अपने शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी न होने दें जिसका परिणाम ठीक नहीं रहता।
इन सब चीजों के ध्यान से आप डिलीवरी के बाद भी चुस्त दुरूस्त रह सकती हैं और डिप्रेशन से दूर।