बाहर बैठकर दुखी होने की जगह दूसरों की सफलता का लुत्फ उठाना चाहिए: शमी

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धर्मशाला,  अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने मौजूदा आईसीसी विश्व कप में अपने पहले मैच में पांच विकेट चटकाकर न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद कहा कि जब आप टीम से बाहर होते हैं तो दुखी होने की जगह दूसरों की सफलता का लुत्फ उठाना चाहिए।

शमी ने मौजूदा विश्व कप में पहला मैच खेलते हुए 54 रन देकर पांच विकेट चटकाए जिससे भारत ने न्यूजीलैंड को 273 रन पर समेट दिया।

शमी ने कहा कि15 खिलाड़ियों में से 11 को ही खेलने का मौका मिलता है और चार बाहर रहते हैं इसलिए महत्वपूर्ण है कि बाकी खिलाड़ियों की सफलता का लुत्फ उठाओ और अपने मौके का इंतजार करो।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मौका मिलेगा तब ही मैं कुछ कर पाऊंगा। टीम से बाहर बैठना काफी मुश्किल होता है। लेकिन अगर आपकी टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है और खिलाड़ी इस तरह की लय में होते हैं तो मुझे नहीं लगता कि आपको बाहर बैठकर दुखी होना चाहिए क्योंकि आप भी विश्व कप का हिस्सा हो, उस टीम का हिस्सा हो। सभी की सफलता का लुत्फ उठाना चाहिए।’’

शमी ने न्यूजीलैंड पर भारत की चार विकेट की जीत के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘आपके पास 15 खिलाड़ी हैं तो चार को तो हमेशा बाहर रहना ही है। मुझे लगता है कि आप सकारात्मक रहकर और लुत्फ उठाकर ही बेहतर नतीजे हासिल कर सकते हैं। मैं हमेशा यही सोचता हूं कि आज टीम में नहीं हूं तो कल रहूंगा या कल नहीं हूं तो परसों रहूंगा। रोटेशन होती रहती है और आपको मौका मिलने पर अपना योगदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।’’

शमी ने कहा कि गेंदबाजी करते हुए अपनी भूमिका और परिस्थितियों को ध्यान में रखना काफी महत्वपूर्ण होता है।

इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘गेंदबाजी करते हुए यह ध्यान में रखना होता है कि आपकी भूमिका क्या है, परिस्थितियां कैसी हैं, सभी चीजों को ध्यान में रखना होता है। विकेट से जब मदद नहीं मिलती तो आपको लाइन और लेंथ पर ध्यान देना ही होगा और इसका नतीजा आपके सामने है। जब आप देश के लिए खेलते हो तो प्रत्येक विकेट आपके लिए महत्वपूर्ण होता है।’’

न्यूजीलैंड से भारत को कड़ी टक्कर मिली और शमी ने कहा कि जब दो शीर्ष टीम खेल रही होती हैं तो नतीजा नहीं बल्कि उनका खेल अधिक मायने रखता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब शीर्ष दो टीम खेल रही होती हैं तो मुझे लगता है नतीजा मायने नहीं रखता। उनका खेल अधिक मायने रखता है, आपने किस तरह खेल को खेला है। नंबर एक और दो की टीम में ज्यादा अंतर नहीं होता। विश्व कप में चुने गए सभी खिलाड़ी अच्छे होते हैं। मुझे लगता है कि आपको खेल को देखना चाहिए, पारी को देखना चाहिए, साथ ही देखना चाहिए कि क्षेत्ररक्षण, बल्लेबाजी और गेंदबाजी कैसी हुई। यही अधिक मायने रखता है। जिसने अच्छा खेला वह मैच जीत जाता है।’’

शमी ने कहा कि उनके दिमाग में विरोधी टीम को किसी निश्चित स्कोर तक रोकना नहीं था और उन्होंने सिर्फ अच्छी लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी की। उन्होंने कहा ‘‘जब आप शुरुआत करते हो तो चाहते हो कि आपको अच्छी शुरुआत मिले। हमारे गेंदबाजों ने यही किया, उन्होंने सही एरिया में गेंदबाजी की। अंत में नतीजा आपके सामने है।’’

शमी ने कहा कि ब्रेक के दौरान उबरना सबसे जरूरी होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘लगातार मैच खेलने के बाद सबसे महत्वपूर्ण थकान से उबरना होता है जो बेहद जरूरी है। ब्रेक के दौरान भी हम क्रिकेट से दूर नहीं हो पाते क्योंकि हमें लगातार बेहतर होते रहना है। इसलिए खेल से जुड़ा कुछ ना कुछ चलता ही रहता है। छुट्टी कभी नहीं होती।’’

शमी ने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन लगने से पहले उन्होंने अपने फार्महाउस में खेल से जुड़ी सुविधाएं तैयार की थी जिसका उन्हें फायदा मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगने से पहले ट्रेनिंग सुविधाएं अपने और बंगाल से खेल रहे अपने छोटे भाई के लिए तैयार की थी। मुझे पता था कि ऐसी स्थिति में ट्रेनिंग की कोई उम्मीद नहीं होगी इसलिए मुझे बेहतर लगा कि फॉर्म हाउस पर सुविधा तैयार करूं और इसका मुझे फायदा भी मिला।’’

जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ तेज गेंदबाजी साझेदारी पर उन्होंने कहा, ‘‘बहुत जरूरी होता है कि आप अपने दूसरे और तीसरे साझेदारी के साथ इकाई के रूप में गेंदबाजी करें। टेस्ट मैच में हम इस चीज को काफी देख चुके हैं। बमुराह और सिराज के आने से एक अच्छा पैकेज बना है। गति भी है, आक्रामकता भी है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि अगर दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाओगे तो बेहतर नतीजे मिलेंगे।’’