नयी दिल्ली, वाहन प्रौद्योगिकी और स्वचालन कंपनी रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज ने अगले तीन साल में 10 वाहन कबाड़ (स्क्रैप) इकाइयां स्थापित करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कंपनी की फिलहाल हरियाणा के मानेसर में सालाना 30,000 वाहनों के प्रसंस्करण की क्षमता वाली एक वाहन कबाड़ इकाई है। श्रमता वृद्धि के बाद कंपनी सालाना तीन लाख वाहनों को प्रसंस्कृत कर सकेगी।
रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष कार्तिक नागपाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कबाड़ केंद्रों की स्थापना के साथ कंपनी हर साल तीन लाख वाहनों की रीसाइक्लिंग में मदद कर संसाधनों के महत्तम उपयोग की अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में हम स्थिति का लाभ उठाने और संसाधनों के महत्तम उपयोग की अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए देशभर में 200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहे हैं।’’
केंद्र सरकार का मानना है कि वाहनों को कबाड़ करने से कच्चे माल की लागत में लगभग 33 प्रतिशत की बचत होगी और एल्युमीनियम, तांबे के साथ-साथ रबड़ जैसी आयातित धातुओं पर निर्भरता कम हो सकेगी।
भारत यात्री और वाणिज्यिक वाहनों का क्रमशः चौथा और छठा सबसे बड़ा विनिर्माता है। भारत को हर साल 34.7 अरब डॉलर मूल्य की धातुओं का आयात करना पड़ता है।
अगस्त 2021 में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और संसाधनों के अनुकूलतम इस्तेमाल की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति की शुरुआत की थी।