राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रमुख स्तंभ हैं।
केन्द्रीय विद्युत अभियांत्रिकी सेवा (2018, 2020 और 2021 बैच) के अधिकारियों और भारतीय व्यापार सेवा (2022 बैच) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की।
मुर्मू ने केन्द्रीय विद्युत अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा क्षेत्र भारत के विकास के प्रमुख प्रेरकों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति का एक संकेत ऊर्जा की मांग और खपत है। इसलिए, जैसे-जैसे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर आगे बढ़ेगा, ऊर्जा की मांग और खपत निश्चित रूप से बढ़ेगी, जो देश के विकास को आगे बढ़ाएगी।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रमुख स्तंभ हैं।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुसार, स्वच्छ ऊर्जा पारगमन में ऊर्जा दक्षता को ‘‘पहला ईंधन’’ कहा जाता है क्योंकि यह जलवायु परिवर्तन शमन के सबसे तीव्र और किफायती विकल्प प्रदान करता है।
मुर्मू ने कहा, ‘‘यह बिजली बिल को भी कम करता है और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करता है। मैं आपसे ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करती हूं, जिससे जलवायु परिवर्तन से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करना आसान हो जायेगा।’’
उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य अनुसंधान और नवाचार में निहित है। उन्होंने अधिकारियों से कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को महत्व दें ताकि भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रहे।’’
भारतीय व्यापार सेवा के परिवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यापार अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ है। उन्होंने कहा, ‘‘देश डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप, भारतीय व्यापार सेवा के अधिकारी, न केवल व्यापार नियामक हैं, बल्कि व्यापार सुविधा प्रदाता भी हैं।’’ उन्होंने अधिकारियों से उभरते अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिदृश्य को समझने के लिए व्यापार विश्लेषण की नवीनतम तकनीकों को सीखने और इनका इस्तेमाल करने के लिए कहा।
मुर्मू ने कहा कि किसी देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हित आपस में जुड़े होते हैं और वे जो भी निर्णय लेंगे, उसका देश के समग्र विकास पर प्रभाव पड़ेगा।