घर में कोई अन्य स्थान न हो गमले रखने या पौधे लगाने का तो बालकनी अगर धूप वाली हो तो उसका पूरा लाभ उठाएं।
अगर आप ग्राउंड फ्लोर पर हैं और कच्ची जगह है तो उस पर क्यारी बनाकर किचन गार्डन बनाएं।
अगर छत पर किचन गार्डन बनाना है तो पहले बिछा पॉलीथिन दें। उसमें थोड़ी दूरी पर कुछ छेद कर लें ताकि ज्यादा पानी निकल जाए और छत में सीलन भी न आए।
गमले मिट्टी के खरीदें, प्लास्टिक के गमलों में पौधों का पूरा विकास नहीं हो पाता।
गमलों में मिट्टी डालते समय नीम की सूखी पत्तियां मिलाएं ताकि कीड़ों से बचा जा सके।
गमलों या क्यारियों को हवा और पानी अच्छी तरह से मिलते रहें, इसके लिए पौधों की गुड़ाई अवश्य करें।
अंडों और फलों के छिलके मिट्टी में मिलाकर सकते हैं ताकि पौधों को पोषण मिलता रहे।
एस्प्रिन, डिस्प्रिन या इकोस्प्रिन की गोली एक मग पानी में मिलाकर स्प्रे करें ताकि पौधों को फंगस से बचाया जा सके और पौधों का विकास भी उचित हो सके।
अगर पौधों को उचित धूप नहीं मिलेगी तो पौधे आकार में छोटे और कमजोर रह जाएंगे। दिन में 3 से 4 घंटे की धूप काफी है। गर्मियों में तेज धूप से पौधों को बचाएं।
पौधों को प्रातः या सांयकालीन में पानी डालें। तेज धूप में पानी डालने से पौधे झुलस सकते हैं।
जब गमले सूखे लगें तभी पानी डालें। सर्दियों में चार-पांच दिन के अंतराल में पानी डालें और गर्मियों में एक दिन छोड़कर। ज्यादा पानी से मिट्टी के कणों में मौजूद आक्सीजन पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाती।
किचन गार्डन में फल, हर्बल प्लांटस, सब्जियां लगाएं। गर्मियों में करेला, भिंडी, धनिया, तोरी, घीया, ककड़ी, बैंगन लगा सकते हैं सर्दियों में मूली, गाजर, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, पालक, मेथी, बैंगन, मटर लगा सकते हैं। हर्बल प्लांटस में करीपत्ता, धनिया, पुदीना, तुलसी, नीम लगाएं।
सब्जियों के लिए हाईब्रिड बीज न खरीदें, नेचरल ब्रीडिंग पाले बीज खरीदें। नर्सरी से सब्जियों की पौध लेकर लगाएं।