खान यूनिस (गाजा पट्टी), इजराइली सेना, इसके टैंक और बख्तरबंद वाहन सोमवार को गाजा के अंदरूनी इलाकों तक पहुंच गये और उन्होंने हमास के उग्रवादियों द्वारा बंदी बनाई गई एक सैनिक को मुक्त करा लिया।
इसके साथ ही इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष विराम के आह्वान को मानने से इनकार कर दिया। इजराइली बलों के हवाई हमलों के जरिये उन अस्पतालों के आसपास के क्षेत्र को भी निशाना बनाया गया, जहां हजारों फलस्तीनी घायल शरण लिये हुये हैं।
इजराइली सेना ने बताया कि सात अक्टूबर को हमास के उग्रवादियों द्वारा घुसपैठ के दौरान बंदी बनाई गई एक महिला सैनिक को गाजा में मुक्त करा लिया गया। दो सप्ताह से अधिक समय से चल रहे इस संघर्ष के दौरान ऐसा पहली बार हुआ है।
सेना ने एक बयान में कहा कि सैनिक ओरी मेगिडिश की चिकित्सीय जांच की गई, जिसमें वह स्वस्थ पाई गई हैं । उन्होंने अपने परिवार से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ओरी मेगिडिश की घर वापसी पर उनका स्वागत करते हुए कहा कि इजराइली सेना की यह ‘‘कामयाबी सभी बंधकों को मुक्त कराने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’
उन्होंने बंदियों की रिहाई या युद्ध समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम के आह्वान को भी मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह करना मुश्किल है तथा अभी लंबे समय तक यही स्थिति रहेगी।
नेतन्याहू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘संघर्ष विराम का आह्वान करना इजराइल के लिए हमास के सामने आत्मसमर्पण करने के बराबर है। ऐसा कभी नहीं होगा। ’’
माना जा रहा है कि हमास और अन्य चरमपंथी समूहों ने पुरुष, महिलाओ और बच्चों सहित लगभग 240 लोगों को बंदी बनाया हुआ है।