दाम बढ़ाकर छूट देने के ई-कॉमर्स कंपनियों के तरीके पर रोक लगाए सरकारः रिपोर्ट

नयी दिल्ली,  सरकार और नियामकीय एजेंसियों को ई-कॉमर्स क्षेत्र में व्याप्त अनुचित कारोबारी तौर-तरीकों पर लगाम लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। शनिवार को एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया।

थिंक टैंक कट्स इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ई-कॉमर्स मंचों पर उत्पादों के दाम बढ़ाकर छूट की पेशकश करने का अनुचित तरीका अपनाया जा रहा है। इससे ग्राहकों के मन में उत्पाद की खरीद पर बचत होने का भ्रम पैदा होता है जबकि असल में उन उत्पादों की वास्तविक कीमत कम ही होती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स मंचों की तरफ से समय-समय पर बिक्री सेल के आयोजन पर पूरी तरह रोक लगाने के बजाय सरकार को उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण की दिशा में सख्ती बरतनी चाहिए। इससे सभी बाजार प्रतिभागियों के लिए समान अवसर मुहैया कराए जा सकेंगे।

भारत में ई-कॉमर्स के संदर्भ में वाणिज्य की स्थिति पर जारी रिपोर्ट कहती है कि एक निष्पक्ष एवं टिकाऊ ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि विक्रेताओं के पास अपने उत्पादों की कीमतें तय करने की स्वायत्तता हो।

इसके मुताबिक, विक्रेताओं पर अतिरिक्त छूट का बोझ डालने से वित्तीय तनाव बढ़ता है और मुनाफे के मार्जिन पर भी असर पड़ता है।

रिपोर्ट में भारी छूट देने और प्रतिस्पर्द्धा को खत्म करने के लिए जानबूझकर कीमत को बहुत कम रखने के बीच फर्क करने का सुझाव भी दिया गया है। रिपोर्ट कहती है, “नीति-निर्माताओं, नियामकों एवं हितधारकों के लिए इन दोनों अवधारणाओं के बीच फर्क करने के लिए इन्हें परिभाषित करना महत्वपूर्ण है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता कल्याण को अहमियत देने और सभी विक्रेताओं के लिए एकसमान अवसर मुहैया कराने के लिए जरूरी है कि ई-कॉमर्स कंपनियां ऐसे तौर-तरीकों में लिप्त होने से परहेज करें। इन कंपनियों को क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री मुहैया कराने को भी कहा गया है।