शोषित और उपेक्षित लोगों के लिए डॉक्टर सोनेलाल पटेल का संघर्ष अविस्मरणीय : योगी आदित्यनाथ
Focus News 17 October 2023लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि शोषित और उपेक्षित लोगों के लिए उनका संघर्ष अविस्मरणीय है।
मुख्यमंत्री योगी ने मंगलवार को सोशल साइट ‘एक्स’ पर अपने संदेश में कहा कि ‘सामाजिक न्याय के सशक्त हस्ताक्षर, अपना दल के संस्थापक, डॉ. सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि (17 अक्टूबर) पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! जिन सामाजिक विषयों को लेकर वे आजीवन मुखर रहे, उस दिशा में ‘नए भारत’ में व्यापक परिवर्तन हुआ है। शोषित और उपेक्षितों के लिए उनका संघर्ष अविस्मरणीय है।’ उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘एक्स’ पर डॉक्टर पटेल को अपनी श्रद्धांजलि में कहा कि ‘सामाजिक न्याय और समरसता के प्रखर प्रणेता तथा किसानों, अति पिछड़ों, वंचितों एवं शोषितों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।’
गौरतलब है कि दोफाड़ हो चुके अपना दल के दोनों धड़े अपना दल (एस) और अपना दल (कमेरावादी) आज डॉक्टर सोनेलाल पटेल की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल अपना दल (एस) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल के परिनिर्वाण दिवस (17 अक्टूबर) पर जनपद प्रतापगढ़ के राजकीय इंटर कॉलेज (जीआईसी) मैदान में मंगलवार को विशाल ‘संकल्प सभा’ का आयोजन किया गया है।
सभा को मुख्य अतिथि के तौर पर अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल संबोधित करेंगी।
अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पार्टी पूरे प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर डॉक्टर पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देगी और सरकार से उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग करेगी।
कृष्णा पटेल लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी। अपना दल (कमेरावादी) का आरोप है कि डॉक्टर पटेल की साजिश के तहत हत्या की गयी थी और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर पार्टी धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करती आ रही है।
अपना दल की स्थापना अनुप्रिया के पिता और लंबे समय तक बसपा संस्थापक कांशीराम के अनुयायी रहे डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने उनसे मनमुटाव के बाद वर्ष 1995 में की थी।
वर्ष 2009 में एक हादसे में डॉक्टर पटेल का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने पार्टी का नेतृत्व संभाला और बेटी अनुप्रिया पार्टी की महासचिव बनीं।
वर्ष 2012 में अनुप्रिया पटेल पहली बार वाराणसी के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गईं और 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने भाजपा से गठबंधन किया।
वर्ष 2014 में मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद अनुप्रिया को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्रिपरिषद विस्तार में मंत्री बनने का मौका मिला और इसके बाद से ही मां-बेटी के बीच मनमुटाव शुरू हो गया।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अपना दल दोफाड़ हो गया। अनुप्रिया ने भाजपा गठबंधन से अपनी पार्टी का चुनाव लड़ा और विधानसभा में उनके नौ विधायक जीते।
जबकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा गठबंधन से उनके 12 विधायक चुनाव जीते और अनुप्रिया के नेतृत्व में पार्टी राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
निर्वाचन आयोग ने अपना दल (एस) को राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा दिया। इस समय उप्र की 403 सदस्यीय विधानसभा में अपना दल (एस) के 13 विधायक हैं, जो संख्या बल के हिसाब से विधानसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
उधर, अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल के नेतृत्व में अपना दल-कमेरावादी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन कृष्णा पटेल समेत अपना दल कमेरावादी के सभी उम्मीदवार चुनाव हार गये।
हालांकि, अनुप्रिया की बड़ी बहन पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर सिराथू से चुनाव जीतीं और उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पराजित किया। पटेल परिवार के बीच शुरू हुई राजनीतिक वर्चस्व की यह लड़ाई 2017 से ही जारी है।