हाथों की उपेक्षा न करें

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हर नारी की यह दिली ख्वाहिश होती है कि वह सुंदर दिखें। सुंदर दिखने के लिए वह क्या-क्या जतन नहीं करती लेकिन अक्सर होता यह है कि वह चेहरे को आकर्षक बनाने पर ही अपना सारा समय खर्च कर देती है। हाथ पैर अक्सर उपेक्षित ही रह जाते हैं। टी.वी. पर आजकल अक्सर एक विज्ञापन दिखाया जाता है जिसमें डायलॉग है ‘चेहरे से राजरानी और पैरों से नौकरानी’। आप यह कभी भी नहीं चाहेंगी कि आपको देखकर भी लोग ऐसा कहें।
बहुत कम महिलाओं के पास रात-दिन रहने वाले नौकर नौकरानी होते हैं। ज्यादातर महिलाओं को काफी घरेलू कार्य स्वयं ही करने पड़ते हैं जिनको करने से उनके हाथ की त्वचा रूखी हो जाती है और फटने लगती है। हाथ पैर खुरदुरे होकर भद्दे लगने लगते हैं।
ब्यूटी पार्लर में मैनिक्योर और पैडिक्योर हाथ पैरों को स्वस्थ सुंदर रूप प्रदान करते हैं किंतु हर महिला के लिये ब्यूटीपार्लर जाना संभव नहींं है। वे घर में ही उचित देखभाल करके हाथों व पैरों को सुंदर आकर्षक रख सकती हैं। इसके लिए वे निम्न उपाय करें।


एक कटोरे में साबुन या शैंपू व नींबू का रस डालकर दस मिनट तक हाथ डुबाये रखें।
कोई भी स्टैंडर्ड कंपनी की कोल्ड क्रीम नाखूनों पर लगाकर नाखून के आस पास की त्वचा क्युटिकल पुशर से पुश करें।


नाखूनों के आसपास की बेजान त्वचा निकाल दें, फिर उस पर अच्छी तरह से मालिश करें। मालिश आप जैतून के तेल, बादाम के तेल या किसी भी अच्छी कोल्ड क्रीम से कर सकती हैं।
रिमूवर से पुरानी नेल पॉलिश निकाल दें। नेल पॉलिश इस्तेमाल करते हुए याद रखें कि नेल पॉलिश सस्ती और घटिया न हो। ये नाखूनों की दुश्मन होती है। नाखून स्वस्थ रहें, इसके लिये भोजन में कैल्शियम व लौह प्रधान खाद्य सम्मिलित करें। सलाद व हरी सब्जी से स्वास्थ्य के साथ हाथों का सौंदर्य भी निखरेगा। एनीमिक महिलाओं के नाखून फीके व सफेद होते हैं

 

 जब कि स्वस्थ महिलाओं के गुलाबी व चमकदार।
लगातार नेलपॉलिश न लगाकर कभी-कभी उन्हें बगैर पॉलिश के रहने दें वर्ना नाखून पीले पड़ सकते हैं। पिगमेंटेशन यानी धब्बे से दिखने लगते हैं।


कई बार फंगस इंफेक्शन से नाखून के किनारों की त्वचा फूल जाती है और उसमें पस पड़ जाती है। इसमें बेहद तकलीफ होती है। ऐसे में फौरन डॉक्टर से परामर्श करें। मैनीक्योर भूलकर भी न करें। फंगस न हो, इसके लिये रसोई कार्य के बाद मुलायम ब्रश से नाखून साफ करने चाहिए। नाखून से कोई भी चीज कभी न खुरचें, न ही नाखून दांत से काटें। नाखून हमेशा अच्छे नेलकटर से काटें एवं फाइलर से अंडाकर शेप दें।


अगर संभव हो तो गृहकार्य करते हुए ग्लव्स पहनें। विदेशों में महिलाएं अपने हाथों की सुरक्षा की तरफ पूरा ध्यान देती हैं तथा पतले रबर के दस्ताने पहन कर ही रफ काम करती हैं।
अक्सर उम्र बढ़ने पर महिलाओं में हैंगनेल की समस्या पैदा हो जाती है। नाखून के आस पास की त्वचा ढीली पड़ने लगती है। किनारों से त्वचा फटने के कारण लटकने लगती है। लंबी बीमारी के कारण भी ऐसा हो सकता है।


बायोकैमिक दवायें नाखून के बहुत से रोगों में लाभदायक हैं। ये किसी अच्छे होमियोपैथ से ली जा सकती हैं। नाखून अगर टेढ़े हो रहे हों तो फेरमफॉस 6 एक्स व कालीम्यूर 3 एक्स की तीन-तीन गोलियां दिन में तीन बार मुंह में डालकर चूसें। नाखून की जड़ों में दर्द हो तो कल्केरिया फॉस छह एक्स लें।