आदमी जब काम करके थक जाता है तो उसे आराम की जरूरत महसूस होती है। ऐसे वक्त एक कप चाय पूरे शरीर की थकान दूर करती है। मन-मस्तिष्क क्रियाशील हो उठते हैं। थके-हारे व्यक्ति को स्फूर्ति, ताजगी प्रदान करने के उद्देश्य से ही मेहमानों को चाय पिलाने का चलन हुआ होगा। यों भी मेहमानबाजी का सबसे सरल माध्यम चाय ही है। चाय में कम खर्चे एवं समय की बचत होती है। चाय, चीनी, दूध और एक कप में ही काम खत्म।
दूसरी ओर अन्य खाद्य, पेय, लस्सी, शर्बत, काफी महंगे पड़ते हैं। एक-आध गिलास से काम भी नहीं चलता और लस्सी, शर्बत जाडे़ के दिनों में चलते नहीं हैं। अब यदि हम गौर करें कि आखिर मेहमान के बार-बार मना करने पर भी हम उन्हें चाय क्यों पिलाते हैं।
दरअसल हमारे यहां मेहमान अपनी बनावटी सभ्यता दिखाने के नाम पर इंकार अवश्य करता है। जब उसका रिश्तेदार या परिचित अतिथि की मनुहार करता है तब ही वह कोई चीज़ खाता है। संभवतः मेहमान के द्वारा इंकार करने की बनावटी सभ्यता ने ही लोगों को जबरन चाय पिलाने के लिए प्रेरित किया हो।
मुख्य बात है कि चाय में कोई भी पौष्टिक तत्व, प्रोटीन, विटामिन नहीं है तथापि यह अधिक प्रचलित व हर मनुष्य की जरूरत बन गई है। इसका कारण यह है कि चाय पीने से थकान मिटती है। शरीर को ताजगी मिलती है और शरीर में चुस्ती, फुर्ती आती है। कारण ज्यादा चाय पीना शरीर के लिए नुक्सानदायक है। यह एक धीमा जहर है। हालांकि कम चाय शरीर को फायदा ही देती है लेकिन एक व्यक्ति दिन भर में कई चाय भी चुका हो और हम उसे जबरदस्ती और चाय पिला दें तो यह उसके लिए नुक्सानदेह ही होगा। चाय में टैनिन नामक पदार्थ होता है, जो जहरीला होता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि टैनिन व्यक्ति के शरीर में 300 से 600 मिलीग्राम पहुंचा दिया जाए, उसके लिए बेहद हानिकारक होगा। अत्यधिक चाय पीने से तनाव, उदासी तथा अनिद्रा रोग की शिकायत होने के अलावा कब्ज, अपच की शिकायत भी हो जाती है। ज्यादा चाय से अधिक मूत्रा की शिकायत भी हो जाती है जिससे गुर्दों को नुकसान पहुंचता है। सांस की गति बढ़ती है। दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है।
अधिक चाय पीने से पेट में अधिक अम्ल बनता है जिससे पेट में अल्सर होने का शत-प्रतिशत चांस रहता है। अल्सर पेट की सबसे खतरनाक बीमारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अल्सर के अधिकांश रोगी अधिक चाय सेवन के कारण से ही हुए हैं।
इन सब तथ्यों के मद्देनजर जरूरत इस बात की है कि यदि आप अपने मेहमान की सेहत के दुश्मन नहीं हैं तो उन्हें जबर्दस्ती चाय मत पिलाइये। बेहतर तो यही होगा, यदि मेहमान आये तो उसे पहले जल पिलायें और पूछें, ‘हो जाय एक कप चाय। अगर मेहमान मना करे तो उसे जबरदस्ती चाय कदापि न पिलायें।