कोलकाता, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच एजेंसियों और मीडिया के लिए मंगलवार को दिशानिर्देश तय करते हुए कहा कि जांच एजेंसी आरोप पत्र दाखिल करने से पहले किसी आरोपी, संदिग्ध या गवाह या यहां तक रुजिरा बनर्जी के संबंध में जांच की जानकारी जनता या मीडिया के समक्ष सार्वजनिक नहीं करे।
तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां और मीडिया कथित वित्तीय अनियमितता या अन्य घोटालों की प्रवर्तन निदेशालय सहित विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच से संबंधित जानकारी प्राकशित कर उनका चरित्र हनन कर रही हैं और उनके परिवार की छवि धूमिल कर रही हैं।
अदालत ने ‘दिशानिर्देश’ तय करते हुए इनका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया और कहा कि जहां तक याचिकाकर्ता का सवाल है, ‘जांच एजेंसियां (वर्तमान मामले में, ईडी) जनता या मीडिया के सामने परिस्थितियों का खुलासा नहीं करेंगी। फिर चाहे ये किसी विशेष व्यक्ति से पूछताछ, छापेमारी और तलाशी का विवरण, आरोपी, गवाह या संदिग्ध से जुड़ी हो।’’
न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा कि सामान्य तौर पर जांच एजेंसियां और विशेष रूप से ईडी किसी भी छापे/पूछताछ, तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान किसी भी समय मीडियाकर्मियों को शामिल नहीं करेगी या ऐसे छापों, पूछताछ, तलाशी या जब्ती की पूर्व सूचना का भी खुलासा नहीं करेगी।’’