मोह लेता है सुगंध का जादू

सुगंध के न जाने कितने प्रकार हैं। कोई मदमाती सुगंध किसी को दीवाना बनाती है तो कहीं धूप, अगरबत्ती की पावन गंध पवित्राता का अहसास जगाती है।


सुगंध का मनोवैज्ञानिक असर याद्दाश्त और व्यवहार दोनों पर देखा जा सकता है। चिकित्सा के लिये सुगंध का प्रयोग सदियों से होता चला आ रहा है। आज एरोमाथेरेपी कितनी कारगर है, लोग मान चुके हैं। वैज्ञानिकों व शोधों ने प्रमाणित कर दिया है कि गंध का सीधा प्रभाव व्यक्ति के मस्तिष्क पर पड़ता है। सुगंधित वातावरण मन को प्रसन्न और तरोताजा कर सहजता प्रदान करता है। नींद लाने का भी एक अच्छा उपाय है।


तरह-तरह के व्यंजनों से उठती खुशबू भूख भड़काती है। तन मन को संतुष्टि देती है। हमारी खुशबू सूंघने की क्षमता के कारण ही हम विभिन्न व्यंजनों का पूरा मजा ले पाते हैं।
सुगंध के मामले में कई लोग बहुत चूज़ी होते हैं। किसी को गुलाब की भीनी-भीनी सुगंध दीवाना बना देती है तो किसी को बेला या चमेली की तेज खुशबू। इसका कारण मनोवैज्ञानिक रीता माखीजा के अनुसार पांचों इंद्रियों का आपसी तालमेल है।


स्त्रियों और पुरूषों के लिये अलग परफ्यूम बनाये जाते हैं जिनकी स्पष्ट अलग पहचान होती है। कल्पना कीजिए किसी स्त्रा से आफ्टर शेव की तेज महक आ रही हो तो कौन सा पुरूष उसकी तरफ आकर्षित होगा। इसी तरह ’वुमेन्स ओनली‘ लगाने वाले पुरूष को लोग औरताना मर्द होने का ताना मारेंगे।


सैक्स की तरह घ्राण शक्ति भी एक्टिवेट हुए बिना मंद पड़ने लगती है, खासकर बढ़ती उम्र में, इसलिए सुगंधों के संपर्क में रहें, उन्हें गहरी सांस लेकर महसूस करें, उनके अंतर को पहचानें ताकि आप की घ्राण शक्ति तेज बनी रहे। कई लोगों को आपने किसी से यह कहते सुना होगा- अरे भई तुम्हारी नाक बड़ी तेज है। हमें तो खुशबू का पता ही नहीं चलता। यहां नाक से तात्पर्य घ्राण शक्ति से ही है।


इसका संबंध आपके स्वभाव की गहराई व चेतना से भी हो सकता है लापरवाह किस्म के लोग इतनी जल्दी सुगंधों को महसूस नहीं कर पाते जितना गंभीर किस्म के लोग।
एरोमाथेरेपी, वॉच फ्लावर थेरेपी, दोनों का आधार सुगंध है। एरोमाथेरेपी में पेड़ पौधे, जड़ी बूटी का तेल या अर्क निकालकर उससे रोगों का इलाज किया जाता है। वॉच फ्लावर थेरेपी सुगंध द्वारा मानसिक रूप से पिछड़े तथा डिप्रेशन में डूबे मनोविकारग्रस्त रोगियां का इलाज है जिसे काफी असरदार माना जाता है।


यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि जैसे कड़वी मीठी यादों से जुड़ी बातें मन में एक खास तरह का असर रखती हैं ठीक उसी तरह खास तरह की सुगंधों के साथ जुड़ी अच्छी बुरी बातें अपना असर व्यक्ति के अवचेतन मन पर रखती हैं। इसी से प्रभावित होती है उसकी पसंद नापसंद। अच्छी यादें खास सुगंधों से पसंद और बुरी यादें नापसंद उपजाती हैं।


अच्छी सुगंध का असर केवल रोमानी संबंधों पर ही नहीं पड़ता, दिल में प्रेम, आकर्षण या वितृष्णा ही नहीं जगाता बल्कि जीवन के बहुत से क्षेत्रों में भी सुगंध बेहद असरदार पाई गई है। खिलाड़ियों का मूड बनाना हो या एक्जीक्युटिव्ज की मीटिंग हो, पार्लियामेंट हाउस में बहस चल रही हो या हवाई उड़ान की तैयारी हो, खुशबू का छिड़काव आजकल सभी स्थलों पर ‘इनथिंग’ बन गया है, इसकी उपयोगिता और पोजिटिव असर देखकर।



अपनी घ्राण शक्ति को पहचानें, इसकी वैल्यू को समझें। अगर आपकी घ्राणशक्ति बेअसर होने लगी है तो यह आपके लिये अलार्म है, जीवन के सुखों से महरूम होने की चेतावनी है। आपको चैकअप और इलाज की जरूरत है। 

 

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