आज की युवा पीढ़ी मोटापे के प्रति अधिक सचेत हो उठी है और कोई भी मोटा नहीं दिखना चाहता। इसके लिए बहुत जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों में खाने की अच्छी आदतें डालें। उन्हें बताएं कि किस तरह का खाना उनके लिए अच्छा है।
अगर माता पिता में से एक व्यक्ति मोटा है तो बच्चे को मोटापा होने की 40 प्रतिशत तक संभावना है और अगर दोनों ही मोटे हैं तो यह संभावना 80 प्रतिशत तक हो सकती है। प्रायः यह भी देखने को मिल जाता है कि माता-पिता तो सामान्य होते हैं पर बच्चा अधिक मोटा होता है इसलिए जरूरी है कि प्रारंभ से ही बच्चों में अच्छी व पौष्टिक खाने-पीने की निम्न आदतें डालें।
बच्चे को जितनी भूख है, उतना ही खाने को दीजिए। कई बार आप जबरदस्ती उन्हें खाने को कहती रहती हैं जिसके परिणामस्वरूप मोटापा आ सकता है।
कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि आपने बच्चे को भोजन खिलाया और कुछ देर ही बाद वह फिर कुछ मांगने लग जाता है। इसका हल यह नहीं कि आप बच्चे को भूखा रखें। आप बच्चे के अन्दर यह विश्वास डालें कि जितनी उसे भूख है, उतना ही खाए। जब आप बच्चे को भोजन के लिए रोकेंगी या टोकेंगी नहीं तो वह खुद बखुद ही अधिक खाना छोड़ देगा परन्तु अगर आप उसे टोकती हैं तो वह जिद में आकर और मांग कर सकता है।
बच्चे का खाने का समय निश्चित करें। अनिश्चित समय पर खाने से हो सकता है कि उसे समय पर भूख न लगे।
बच्चे को आरंभ से ही सिखाएं कि भोजन धीरे-धीरे आराम से खाएं।
अगर आपका बच्चा मोटा है तो उसे यह अहसास न करवाएं कि वह दूसरे बच्चों से अलग है। ऐसे में बच्चों में हीन भावना जन्म ले लेती है। कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि अगर एक परिवार में दो बच्चे हैं और एक अधिक मोटा है तो उससे भिन्न व्यवहार किया जाता है। ऐसा बिलकुल मत कीजिए। दोनों बच्चों से एक जैसा व्यवहार कीजिए।
बच्चों में शुरू से ही व्यायाम की आदत डालें। उन्हें सैर की उपयोगिता समझाएं। साइकिल चलाने को कहें। अगर बचपन से ही वह इन्हें अपने जीवन के अभिन्न अंग मान लेगा तो वह स्वस्थ व चुस्त रहेगा।
बच्चों को चाकलेट, बिस्कुट, टाफी आदि खाने के लिए कम से कम दें और उन्हें यह बताएं कि ऐसी चीजें स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं। अगर प्रारंभ से ही उन्हें यह बात समझ आ जाएगी तो वे अपने खाने पर नियंत्राण रख सकेंगे।
बच्चों को बरगर, पिजा, आदि फास्ट फूड खाने की आदतें माता पिता खुद ही डालते हैं जो मोटापे का एक बहुत बड़ा कारण है, इसलिए जहां तक हो सके, उन्हें घर में बने पौष्टिक भोजन खाने की आदत डालें।
बच्चों को दालें, (अंकुरित), सलाद, फल खाने को प्रोत्साहित करें ताकि उन्हें भोजन में सभी पौष्टिक तत्व मिल सकें।