भारत ने विश्वमित्र की जगह बनाई है, पूरी दुनिया उसमें अपना मित्र खोज रही है: प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली,  राष्ट्रीय राजधानी में पिछले दिनों आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को देश के 140 करोड़ देशवासियों की उपलब्धि बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि इसी कारण से आज भारत ‘विश्वमित्र’ के रूप में अपनी जगह बना पाया है और पूरी दुनिया भारत में अपना मित्र खोज रही है।

लोकसभा में ‘देश की 75 वर्ष की संसदीय यात्रा’ पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में जब देश में नैम (गुट निरपेक्ष आंदोलन) का सम्मेलन आयोजित किया गया था तो इस सदन ने सर्वसम्मति से देश के इस प्रयास को सराहा था।

उन्होंने कहा कि आज भी इस सदन ने जी20 सम्मेलन की सफलता को सराहा है जो 140 करोड़ देशवासियों की सफलता है, भारत की सफलता है।

मोदी ने कहा, ‘‘यह किसी व्यक्ति की सफलता नहीं है, किसी दल की सफलता नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि भारत के संघीय ढांचे की ताकत है कि देश में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 60 स्थानों पर जी20 की 200 से अधिक बैठकें हुईं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत विश्वमित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया है। पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है। हमने ‘वेद से विवेकानंद’ तक जो पाया है, ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र, ये ही वे कारण हैं जो विश्व को साथ लाने में सफल रहे हैं।’’

उन्होंने जी20 की भारत की अध्यक्षता के तहत यहां आयोजित सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को समूह का सदस्य बनाये जाने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जब भारत जी20 का अध्यक्ष रहा, तब अफ्रीकी संघ इसका सदस्य बना।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मैं इस भावनात्मक पल को भूल नहीं सकता हूं। अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में कहा था कि ये ऐसे पल थे कि ‘मैं बोलते-बोलते रो पड़ूंगा’।’’

उन्होंने कहा कि भारत के प्रति शक करने का स्वभाव भी कई लोगों का बना हुआ है जो आजादी से चला आ रहा है।

मोदी ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने इस बार भी यही कहा था कि सम्मेलन के बाद कोई घोषणापत्र जारी नहीं किया जाएगा, ऐसा होना असंभव है। लेकिन भारत की ताकत है कि वह भी हुआ और विश्व सर्वसम्मति से आगे का रोडमैप लेकर आगे बढ़ा है।’’

उन्होंने कहा कि भारत की समूह की अध्यक्षता नवंबर के आखिरी दिन तक है और ‘‘हम इस समय का उपयोग करेंगे।’’

मोदी ने कहा कि इसी शृंखला में भारतीय संसद अगले महीने जी20 के सदस्य देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों (पी-20) के सम्मेलन की मेजबानी करेगी।