पोलैंड में हुई सबसे बड़ी मिलिट्री परेड:अमेरिकी F-35 लड़ाकू विमान

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बेलारूस से बढ़ते तनाव के बीच पोलैंड में मंगलवार को अब तक की सबसे बड़ी मिलिट्री परेड आयोजित की गई। इसमें पोलैंड और नाटो देशों के करीब 2 हजार सैनिकों ने हिस्सा लिया। परेड में 200 मिलिट्री व्हीकल्स और 100 एयरक्राफ्ट्स को शामिल किया गया। इस दौरान पोलैंड ने शक्ति प्रदर्शन भी किया।

परेड के दौरान अमेरिका में बने अब्राम टैंक्स, HIMARS आर्टिलरी सिस्टम और पैट्रियट मिसाइल सिस्टम नजर आए। इसके अलावा परेड में F-16 फाइटर जेट, दक्षिण कोरियाई FA-50 फाइटर जेट और K9 होवित्जर, अमेरिकी एयरफोर्स के F-35 फाइटर जेट भी शामिल हुए।

 

सोवियत सेना पर जीत के 102 साल
अल-जजीरा के मुताबिक, परेड में इस लड़ाकू विमान का शामिल होना इस बात का संकेत है कि पोलैंड जल्द ही अमेरिका से F-35 विमान खरीदने वाला है। इस दौरान पोलैंड में बने क्रैब ट्रैक्ड गन होवित्जर और रोसोमक बख्तरबंद ट्रांसपोर्टर भी प्रदर्शित किए गए।

ये परेड वॉरसॉ की जंग में जीत के 102 साल पूरे होने की खुशी में रखी गई। 1920 में सोवियत की रेड आर्मी को पोलैंड ने हरा दिया था। इस दिन को वहां आर्म्ड फोर्सेज के रूप में मनाया जाता है।

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रक्षा मंत्री बोले- पोलैंड के लिए शक्ति प्रदर्शन का बेस्ट दिन
इस मौके पर पोलैंड के रक्षा मंत्री मारियस ब्लास्ज्क ने कहा- 15 अगस्त जंग में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और सीमा पर तैनात आर्मी को धन्यवाद देने का दिन है। साथ ही इस दिन हम दुनिया को दिखा सकते हैं कि पोलैंड की आर्मी कितनी मजबूत है और हम हर हाल में बिना झिझक अपनी रक्षा करने के लिए तैयार हैं।

रक्षा मंत्री ने बताया कि पोलैंड की सेना में अभी 1.75 लाख सैनिक हैं। देश का रक्षा बजट इस साल रिकॉर्ड 2.83 लाख करोड़ रखा गया है। ये हमारी GDP का करीब 4% है, जो सभी नाटो देशों में सबसे ज्यादा है। ब्लास्ज्क ने कहा- हम मॉर्डनाइजेशन के जरिए अपनी सेना और डिफेंस सिस्टम को इतना शक्तिशाली बनाना चाहते हैं कि कोई भी देश कभी भी हम पर हमला करने के बारे में न सोच सके।

रक्षा मंत्री बोले- जंग के माहौल में सेना को सशक्त करना जरूरी
इससे हम जंग में और सैनिक नहीं गंवाएंगे और देश हमेशा सुरक्षित रहेगा। रक्षा मंत्री ने डिफेंस बजट बढ़ाने पर कहा- आज दुनिया में जंग का माहौल है। इससे दूर रह पाना मुमकिन नहीं है। इसलिए हम अपनी सेना को सशक्त कर रहे हैं। सीमा की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। वॉरसॉ से अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, सोवियत संघ से जंग के 100 साल बाद पोलैंड पर फिर से जंग का खतरा मंडरा रहा है।

इससे पहले बेलारूस से तनाव के बीच पोलैंड ने अपनी सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। पोलैंड ने आरोप लगाया था कि बेलारूस ने उसके एयरस्पेस का उल्लंघन किया था। पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविकी ने कहा था कि वैगनर आर्मी के 100 लड़ाके भी पोलैंड के बॉर्डर की तरफ बढ़ रहे हैं। अब स्थित खतरनाक होती जा रही है।

 

युरोप के खिलाफ प्रवासियों का इस्तेमाल कर रहा रूस
पोलैंड की सरकार ने आरोप लगाया था कि रूस और बेलारूस प्रवासियों का इस्तेमाल कर पोलैंड और युरोप के दूसरे देशों को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे बचने के लिए पोलैंड ने बेलारूस के बॉर्डर पर एक लंबी दीवार तक बना ली थी। इसके बाद भी पोलैंड ने कहा था कि स्थिति और खतरनाक होती जा रही है। प्रधानमंत्री मोराविकी ने हाइब्रिड अटैक का खतरा होने की बात कही थी।

क्या होता है हाइब्रिड अटैक
जमीन के नीचे रहस्यमयी विस्फोट, अनाम साइबर हमले और देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए चलाए जाने वाले दबे-छिपे ऑनलाइन कैंपेन ये सब- ‘हाइब्रिड खतरों’ के हिस्से हैं। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक किसी देश के अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला करना हाइब्रिड अटैक है। इसमें सरकार चुनने के लिए किसी देश में होने वाले चुनाव में भी दखलंदाजी की जाती है।

पुतिन बोले- पोलैंड पर एक्शन को रूस पर हमला मानेंगे
पुतिन ने कहा था कि अगर पोलैंड ने बेलारूस के खिलाफ कोई भी एक्शन लिया तो वो रूस पर हमला माना जाएगा। उन्होंने कहा कि रूस सभी तरीकों से बेलारूस की मदद करेगा। दरअसल, यूक्रेन जंग के बाद से बेलारूस रूस के लिए अहम पार्टनर साबित हुआ है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के सैनिकों को बेलारूस में भी ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं, रूस ने अपने परमाणु हथियार भी बेलारूस भेजे हैं। हालांकि, बेलारूस के सैनिक जंग में रूस की तरफ से नहीं लड़े हैं।

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