बुधवार को खत्म हो जाएगा अधिक मास:जानिए सावन अधिक मास की अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं?

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बुधवार, 16 अगस्त को सावन अधिक मास की अमावस्या है। इस दिन अधिक मास खत्म हो जाएगा और 17 तारीख से सावन महीने का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। अधिक मास खत्म होने से सभी बड़े तीज-त्योहारों की शुरुआत हो जाएगी। अधिक मास की अमावस्या पर पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य और अन्य शुभ काम भी जरूर करना चाहिए।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन अधिक मास की अमावस्या पर किए गए पुण्य कर्मों से मिला पुण्य जीवन भर बना रहता है। बुधवार, सावन, अधिक मास और अमावस्या का योग होने से इस पर्व का महत्व बहुत बढ़ गया है। बुधवार को गणेश जी की पूजा के साथ दिन की शुरुआत करें। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा को स्नान कराएं। स्नान कराने के लिए पंचामृत का उपयोग करें। पंचामृत के बाद शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद गणेश जी का श्रृंगार करें। जनेऊ, दूर्वा, चंदन आदि चीजें चढ़ाएं।

गणेश जी को लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें। पूजा में ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें।

गणेश पूजा के भगवान शिव और देवी पार्वती का अभिषेक करें। शिवलिंग और देवी प्रतिमा पर तांबे के लोटे से पतली धारा के साथ जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। जल चढ़ाने के बाद दूध चढ़ाएं। इसके बाद फिर से जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, गुलाब, जनेऊ आदि शुभ चीजें चढ़ाएं। चंदन का तिलक लगाएं। देवी मां का श्रृंगार करें। भगवान को मिठाई को भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

अमावस्या पर भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और श्रीकृष्ण की भी विधिवत पूजा करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें।

पितरों के लिए करें धूप-ध्यान

अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करने की परंपरा है। बुधवार की दोपहर में गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं और जब कंडों से धुआं निकलना बंद हो जाए, तब अंगारों पर गुड़-घी अर्पित करें। इस दौरान पितरों का ध्यान करें। हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर से जल अर्पित करें।

ग्रंथों का करें पाठ

इस दिन अधिक मास खत्म हो जाएगा। अधिक मास में ग्रंथों का पाठ करने का विशेष महत्व है। इस महीने की अंतिम तिथि पर विष्णु पुराण, शिव पुराण, रामायण आदि ग्रंथों का पाठ कर सकते हैं। पूजा-पाठ, दान-पुण्य और ग्रंथों के पाठ के साथ ही जरूरतमंद लोगों को जरूरी चीजों जैसे खाना, धन, जूते-चप्पल, कपड़े का दान जरूर करें।

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