टाटा स्टील के स्लैग से बने उत्पाद से होगी खेती, फसल 70% अधिक गुणकारी, इस जगह पर होगा प्रोडक्शन

टाटा स्टील ने स्लैग से खेती करने के लिए एक नया उत्पाद तैयार किया है. खेती-किसानी में देश में यह अपने तरह का पहला प्रयोग है. इससे मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होगी. साथ ही गुणवत्तापूर्ण फसलों का उत्पादन होगा. टाटा स्टील ने इसका पेटेंट भी करा लिया है. आदित्यपुर में एक प्लांट भी स्थापित कर दिया गया है. यहां 20 हजार टन प्रति वर्ष उत्पादन होगा. इसका ब्रांड नाम ‘धुर्वी गोल्ड’ दिया गया है.2017 से स्लैग का बेहतर इस्तेमाल को लेकर अध्ययन किया जा रहा था. अब इसका नया प्रोडक्ट तैयार हो चुका है. प्रोडक्ट को इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, विधानचंद्र किसान विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल, यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस बेंगलुरु समेत कई संस्थानों से मान्यता प्राप्त हो चुका है. इसके जरिये झारखंड के अलावा महाराष्ट्र, गुड़गांव समेत अन्य राज्यों में खेती किया जा चुका है. महाराष्ट्र के बारामती में काफी खेती हो चुकी है.
जमीन उर्वर बनाता है
‘धुर्वी गोल्ड’ खेती वाली जमीन को और उर्वर बनाता है, जबकि सामान्य यूरिया का इस्तेमाल होने से जमीन को नुकसान पहुंचती है. ध्रुवी गोल्ड को यूरिया या डीएपी के साथ बराबर मिलाकर भी डाला जा सकता है.
70 फीसदी ज्यादा खेती :
‘धुर्वी गोल्ड’ प्रोडक्ट को लेकर किये गये अनुसंधान में यह पता चला है कि 70 फीसदी ज्यादा खेती इसके जरिये होती है. फसलों में 11 न्यूट्रिएंट्स भी होते है, जिसमें आयरन, सल्फर समेत अन्य न्यूट्रिएंट्स होते हैं.