पंजाब: क्या है 132 साल पुराना डेरा ब्यास और क्यों है महत्वपूर्ण जहां PM मोदी जाएंगे

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अमृतसर के ब्यास स्थित राधास्वामी डेरे का पंजाब के साथ हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में खास महत्व है. इसके समर्थक विदेशों तक फैले हैं. राधास्वामी डेरे की स्थापना 1891 में बाबा जैमल जी ने की थी. इस डेरे ने राजनीति से दूरी बनाकर रखी है, लेकिन बड़े स्तर पर इसके समर्थक हैं. कांग्रेस नेता मोहिंदर सिंह केपी भी इसके समर्थकों में शामिल हैं और पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी भी कई बार यहां आकर आशीर्वाद ले चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के पंजाब पहुंचने से पहले सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. पीएम यहां पहुंचकर डेरा प्रमुख से मुलाकात करने के बाद दरबार साहिब में माथ टेकेंगे.जानिए क्या डेरा ब्यास, क्या है इसका इतिहास, पंजाब के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है और अब तक कौन-कौन रहा है इसका प्रमुख…

130 सालों में 90 देशों में विस्तार

राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक आध्यात्मिक केंद्र है. 130 साल पुराना यह आध्यात्मिक केंद्र अमृतसर शहर से 43 किलोमीटर दूर ब्यास नदी के किनारे पर बना हुआ है. इसकी शुरुआत 1891 में गुरु बाबा जैमल सिंह ने की थी. उन्होंने आध्यात्म का केंद्र बनाने के लिए डेरे की नींव रखी थी. वर्तमान में दुनिया के 90 देशों तक डेरे का विस्तार किया जा चुका है. जिसका किसी राजनीति दल से कोई सरोकार नहीं है.

क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है डेरा ब्यास?

भले ही डेरे का किसी राजनीतिक दल से सम्बंध नहीं है, लेकिन पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में इसका प्रभाव है. राजनीति से जुड़े कई दिग्गज यहां पहुंचते हैं. यही वजह है कि डेरा ब्यास राजनीति से जुड़े दिग्गजों के लिए महत्वपूर्ण स्थान रहा है और उनके यहां पहुंचने के बादराजनीतिक मायने भी तलाशे जाते हैं. यह पहला मौका नहीं है जब पीएम नरेंद्र मोदी राधा स्वामी सत्संग डेरा के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात करने जाएंगे, पंजाब चुनाव से पहले भी पीएम मोदी ने बाबा गुरिंदर सिंह से मुलाकात की थी.

32 साल से डेरा प्रमुख हैं गुरिंदर सिंह

बाबा गुरिंदर सिंह राधा स्वामी ब्यास के 5वे प्रमुख हैं. इनसे पहले बाबा जैमल सिंह (1891-1903), महाराज सावन सिंह (1903-1948), महाराज जगत सिंह (1948-1951), महाराज चरण सिंह (1951-1990) डेरा प्रमुख रहे हैं. 1954 में जन्मे बाबा गुरिंदर सिंह का परिवार खेती-किसानी से जुड़ रहा है. बाबा गुरिंदर सिंह का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ और शुरुआती दौर की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश में हुई. हायर स्टडी के लिए पंजाब आए और पंजाब यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया.पिछले 32 सालों से वह डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. बाबा गुरिंदर सिंह के दो लड़के हैं गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों और गुरुकीरत सिंह ढिल्लों. गुरुप्रीत सिंह ढिल्लों रेलिगेयर हेल्थ ट्रस्ट के CEO हैं.

 

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