Post Office की इस स्कीम पर मिलता है जबरदस्त गारंटीड रिटर्न, कुछ ही महीनों में पैसा हो जाएगा डबल

Invested Amount will double

नई दिल्ली। बैंक की तरह ही पोस्‍ट ऑफिस की स्‍कीम्‍स को हमेशा से भरोसेमंद माना गया है, जिस तरह आप बैंक में आरडी, एफडी करवाते हैं, वो सारी सुविधाएं आपको पोस्‍ट ऑफिस से भी मिलती हैं। जो लोग मार्केट के उतार-चढ़ाव का रिस्‍क नहीं लेना चाहते हैं और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए पोस्‍ट ऑफिस की तमाम स्‍कीम्‍स काफी काम की साबित हो सकती हैं। इन्‍हीं में से एक है टाइम डिपॉजिट स्‍कीम, जिसे पोस्‍ट ऑफिस की फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम भी कहा जाता है। पोस्‍ट ऑफिस में आप 1, 2, 3 और 5 सालों के लिए पैसों को फिक्‍स करवा सकते हैं।

जानें क्या है डिपॉजिट टाइम

इसमें अवधि के हिसाब से अलग-अलग ब्‍याज निर्धारित किए गए हैं। अगर आप इसमें एक साल के लिए पैसा फिक्‍स करते हैं तो आपको 5.50% प्रतिशत के हिसाब से ब्‍याज मिलेगा। दो वर्ष के टाइम डिपॉजिट पर 5.70%, 3 वर्ष पर 5.80% और 5 वर्ष के टाइम डिपॉजिट पर 6.70% के हिसाब से ब्‍याज मिलता है। ऐसे में अगर आप पांच साल के लिए फिक्‍स डिपॉजिट करवाते हैं तो आप अच्‍छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप टाइम डिपॉजिट के जरिए 7,50000 रुपए फिक्‍स करवाते हैं तो 6.70% के हिसाब से इसमें ब्‍याज मिलेगा। पोस्‍ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट कैलकुलेटर के हिसाब से आपको 5 सालों में 7,50000 रुपए के निवेश पर कुल 2,95,550 रुपए ब्‍याज के तौर पर मिलेंगे। यानी करीब 3 लाख रुपए का ब्‍याज आप पांच सालों में ले लेंगे। ऐसे में मैच्‍योरिटी पर आपको 10,45,550 रुपए मिलेंगे। इस तरह महज 5 सालों में आप टाइम डिपॉजिट के जरिए करीब साढ़े दस लाख रुपए जोड़ सकते हैं।

ऐसे करेंगे तो अमांउट होगा डबल

अगर आप 7,50000 रुपए को डबल करना चाहते हैं तो आपको इस रकम को 5 और सालों के लिए फिक्‍स करना होगा यानी कुल 10 सालों के लिए आपको रकम को फिक्‍स करना होगा। 10 सालों में आपको 7,50000 रुपए पर कुल 7,07,567 रुपए ब्‍याज के रूप में होंगे। पोस्‍ट ऑफिस की स्‍कीम को 5 साल और बढ़वाने पर भी वहीं ब्‍याज मिलेगा, जिस ब्‍याज पर आपने एफडी को शुरू किया था। वर्तमान में ये अगर आप ये एफडी करवाते हैं तो आपको 6.70 फीसदी के हिसाब से ब्‍याज मिलेगा। ऐसे में 10 साल बाद मैच्‍योरिटी पर कुल 14,57,567 रुपए आपको मिलेंगे यानी आपके 7,50000 रुपए 10 सालों में करीब-करीब डबल हो जाएंगे।

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