सफल होना चाहते हैं तो पढ़ाई के साथ ही अपनी योग्यता भी निखारें, लगातार प्रैक्टिस भी करें

Grab success through accumulated efforts
सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो अपने काम में पारंगत होते हैं। इसलिए हमें अपनी योग्यता प्रैक्टिस करते हुए लगातार निखारते रहना चाहिए। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा अवंति राज्य के राजा बाहुबली से जुड़ी है। अवंति राज्य के राजा बाहुबली को अपने दरबार के लिए एक ज्योतिषी की जरूरत थी। वे ज्योतिषी को अपने दरबार में नियुक्त करना चाहते थे। राजा ने इस बात की घोषणा अपने राज्य में करवा दी। ये घोषणा सुनकर कई ज्योतिषी राजा के दरबार में पहुंच गए। राजा ने एक-एक करके सभी लोगों की परीक्षा ली, लेकिन किसी भी व्यक्ति से राजा संतुष्ट नहीं हुए।सभी ज्योतिषियों को परखने के बाद राजा को अपने राज्य के एक ज्योतिषी विष्णु शर्मा की याद आई। राजा उस ज्योतिषी को जानते थे। उन्होंने अपने सेवकों से कहा कि वे तुरंत विष्णु शर्मा के लेकर दरबार में पहुंचे।
राजा की आज्ञा मिलते ही सेवक पं. विष्णु शर्मा को लेकर दरबार में पहुंच गए। विष्णु शर्मा के देखकर राजा ने उससे पूछा कि क्या आपने ज्योतिषी के लिए हमारी घोषणा नहीं सुनी थी?
पं. शर्मा ने कहा कि हां, मैंने सुनी थी।
राजा ने पूछा कि जब आपने घोषणा सुनी थी तो फिर परीक्षा देने क्यों नहीं आए?
पं. शर्मा ने कहा कि राजन् मैं अपना जानता हूं। मैं इस राज्य का राज ज्योतिषी बनुंगा।
ये सुनते ही राजा बाहुबली चौंक गए। कुछ देर सोच-विचार करके राजा ने विष्णु शर्मा के राज ज्योतिषी घोषित कर दिया।
राजा ने विष्णु शर्मा से पूछा कि आपको ये कैसे मालूम हुआ कि मैं आपको राज ज्योतिषी बनाऊंगा?
पं. शर्मा ने कहा कि राजन् मैं अपने काम का लगातार अभ्यास (प्रैक्टिस) करता हूं। अपनी योग्यता निखारने की कोशिश करते रहता हूं। सभी ज्योतिषी अपनी-अपनी विद्या से भविष्णवाणी करते हैं, लेकिन बातें उन्हीं लोगों की सच होती हैं, जो अभ्यास करते रहते हैं। अभ्यास के बिना कोई भी व्यक्ति अपने काम में पारंगत नहीं बन सकता है।
कथा की सीख
इस कथा की सीख यह है कि हमें सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए, हमें अपनी योग्यता निखारने के लिए लगातार प्रैक्टिस करते रहना चाहिए। तभी हमारे लक्ष्य पूरे हो सकते हैं।