कांग्रेस ने गहलोत-पायलट को दिया सख्त संदेश, जयराम रमेश बोले- कड़े फैसले से परहेज नहीं

Jairam Ramesh addresses a press conference

New Delhi, Sep 05 (ANI): Congress leader Jairam Ramesh addresses a press conference on Bharat Jodo Yatra, at AICC headquarters, in New Delhi on Monday. (ANI Photo)

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) द्वारा कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) को गद्दार कहे जाने के बाद दोनों नेताओं के गुटों के बीच तनातनी तेज हो गई है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने रविवार को कहा कि पार्टी के लिए राजस्थान में संगठन सर्वोपरि है और इसकी मजबूती के लिए जरूरत पड़ने पर कठोर निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटेगी. राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा के इंदौर में पड़ाव के दौरान रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे लिए संगठन सर्वोपरि है. राजस्थान के मसले का हम वही हल चुनेंगे, जिससे हमारा संगठन मजबूत होगा. इसके लिए अगर हमें कठोर निर्णय लेने पड़े तो कठोर निर्णय लिए जाएंगे. अगर (गहलोत और पायलट के गुटों के बीच) समझौता कराया जाना है तो समझौता कराया जाएगा. गहलोत-पायलट की रार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान के मसले के उचित हल पर विचार कर रहा है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रमेश ने कहा मैं इस हल की कोई समय-सीमा तय नहीं कर सकता. इस हल की समय-सीमा केवल कांग्रेस नेतृत्व तय करेगा.

कहा दोनों की जरूरत

उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस को गहलोत और पायलट, दोनों की जरूरत है. गौरतलब है कि गहलोत ने एक टीवी चैनल को हाल ही में दिए साक्षात्कार में पायलट को गद्दार करार देते हुए कहा था कि उन्होंने वर्ष 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी और गहलोत नीत सरकार को गिराने की कोशिश की थी, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता. रमेश ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को इस साक्षात्कार में कुछ शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. उन्होंने भरोसा जताया कि राहुल की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी सफल होगी. अभी मध्य प्रदेश से गुजर रही यह यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होगी, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

समान नागरिक संहिता पर क्या कहा?

गौरतलब है कि गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में मतदाताओं से वादा किया है कि सत्ता में बरकरार रहने पर वह राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेगी. रमेश ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर संसद के अंदर और बाहर बहस होती रहनी चाहिए. लेकिन बीजेपी चुनावों के समय जान-बूझकर विभाजनकारी मुद्दे उठाती है, ताकि वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके.” उन्होंने कहा कि बीजेपी इस बार भी गुजरात विधानसभा चुनावों में फायदा हासिल करने के लिए समान नागरिक संहिता के मुद्दे को तूल दे रही है. चुनावों के बाद वे (बीजेपी) इस मुद्दे को भूल जाएंगे. रमेश ने दावा किया कि गुजरात में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है और नतीजों की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी (आप) का गुब्बारा फूट जाएगा. उन्होंने कहा कि इस गुब्बारे को मीडिया ने फुलाया है. गुजरात में आप जमीनी स्तर पर मजबूत नहीं दिखाई देती है.

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