क्या कार में बाजार से Sunroof लगवाने जा रहे हैं तो रुकिए! पहले पढ़ लें ये खबर

नई दिल्ली: कार की कीमत और फीचर्स देखकर ही लोग खरीदते हैं. वर्तमान समय में शौकीन लोग इसे खरीदते समय सनरूफ फीचर की मांग जरूर करते हैं. कुछ लोगों का सपना होता है कि वह इस फीचर के साथ ही नई कार खरीदें. इस फीचर वाली कार की कीमत सामान्य से अधिक होती है. इसी वजह से कुछ लोग इसे खरीदने के बाद अलग से सनरूफ लग जाते हैं. पुरानी कार में भी पैसे खर्च कर इसे अलग से लगा सकते हैं. आफ्टरमार्केट सनरूफ लगाने के कई फायदों के साथ नुकसान भी है. देश के कुछ राज्यों में इसकी वजह से भारी चालान भी हो सकता है. दुर्घटना होने के बाद गाड़ी की वारंटी और इंश्योरेंस क्लेम करने में परेशानी हो सकती है.
अलग से सनरूफ लगवाना सही है या गलत
अलग से किसी भी कार में सनरूफ लगा सकते हैं. इसके लिए आपको 22000 रुपये से लेकर 1.7 लाख रुपये तक खर्च करने होंगे. कंपनी फिटेड सनरूफ की कीमत इससे अधिक होती है. अब सवाल यह उठता है कि क्या इसे अलग से लगाना वैध है? कई लोग शौक पूरा करने के लिए अलग से सनरूफ लगवा लेते हैं. ट्रैफिक पुलिस भी कई बार इसे नजरअंदाज कर देती है. इसे लेकर राज्यों के अनुसार अलग-अलग नियम है. मोटर व्हीकल अधिनियम की धारा 184 (एफ) के तहत कोलकाता में 1 हजार रुपये का चालान है.
अलग से सनरूफ लगाने के ये हैं फायदे
कार में अलग से सनरूफ लगाने के कई फायदे हैं. गाड़ी खरीदने के बाद अलग से इसे लगाने पर कम पैसे लगते हैं. यानी कम पैसे में लग्जरी कार का मजा ले सकते हैं. इसे अपने हिसाब से डिजाइन करा सकते हैं. इसकी अलावा लंबाई चौड़ाई के साथ इसमें लगने वाले सामान भी अपने हिसाब से अच्छी गुणवत्ता का लगा सकते हैं. कुछ लोग कार में सीक्रेट सनरूफ लगाते हैं. इसके बारे में केवल लगाने वाले को ही जानकारी होती है.
आफ्टरमार्केट सनरूफ लगाने के नुकसान
कार में अलग से सनरूफ लगाने के कई नुकसान हैं. इसके लिए मैकेनिक रूफ में कट लगाते हैं. नई कार में ऐसा कराने से इसकी वारंटी जा सकती है. दुर्घटना होने के बाद इंश्योरेंस क्लेम करते समय समस्या आ सकती है. इससे गाड़ी की सुरक्षा में कमी आती है. कार की वायरिंग फिर से करनी पड़ती है. बारिश होने पर रूफ से लीकेज होने की संभावना बनी रहती है. इस से जंग भी लग सकता है. अलग से सनरूफ लगाना टिकाऊ नहीं माना जाता है. इसके अलावा गाड़ी की रीसेल वैल्यू भी कम हो जाती है.