‘भारत को ऐसा किला बना देंगे, कि चीन कुछ नहीं कर पाएगा’, टीम बाइडेन के सीक्रेट प्लान का खुलासा

चीनी आक्रमण को रोकने और विवादित जमीन सीमाओं जैसे क्षेत्रों में चीन की जबरदस्ती ग्रे जोन बनाने की घटनाओं को रोकने के लिए भारत का क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को विस्तार करने की योजना पर काम कर रहा है।
रक्षा विभाग ने जारी किया दस्तावेज
अमेरिका के इस नये प्लान को लेकर दस्तावेज अमेरिकी रक्षा विभाग ने जारी किया है, जो एक क्लासीफाइड स्ट्रैटजी है। राष्ट्रपति बाइडेन की ये स्ट्रैटजी अमेरिका की नई नेशनल सिक्योरिटी पॉलिसी से जुड़ी हुई है, जिसे इस महीने की शुरूआत में चीनी आक्रामकता के बीच जारी किया गया था। अमेरिकी सांसद की स्पेशल टीम ने अमेरिका की रणनीतिक सुरक्षा के लिए रणनीतिक दिशा तय करने के लिए इसे पेंटागन के लिए तैयार किया है, जो सीधे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को रिपोर्ट करती है। दस्तावेज में कहा गया है कि, “विभाग पीसीआर (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) की आक्रामकता को रोकने और हिंद महासागर क्षेत्र में स्वतंत्र और खुली पहुंच सुनिश्चित करने की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत के साथ हमारी प्रमुख रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाएगा।” इस दस्तावेज में ये भी कहा गया है, कि चीन सबसे अधिक परिणामी और प्रणालीगत चुनौतियां प्रस्तुत करता है, जबकि रूस अमेरिका के लिए अमेरिका में और अमेरिका के बाहर अलग अलग देशों में महत्वपूर्ण अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के लिए गंभीर खतरा है।
इंडो-पैसिफिक पर विशेष ध्यान
अमेरिकी सुरक्षा दस्तावेज में कहा गया है कि, “अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे व्यापक और गंभीर चुनौती पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चायना का हिंद-प्रशांत क्षेत्र और इंटरनेशनल सिस्टम को अपने हितों के लिए अपनी सत्तावादी प्राथमिकताओं के मुताबिक उसे बदलने, नया रूप देने और पूरे क्षेत्र में तेजी से आक्रामकता दिखाने की कोशिश है।” इस दस्तावेज में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बारे में कहा गया है कि “अमेरिका का रक्षा विभाग अपने सहयोगियों को अमेरिका की नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के मुताबिक समर्थन करेगा, जिसमें चीन के द्वारा बनाए जाने वाले ग्रे जोन को रोकने के लिए अपने सहयोगी देशों के अभियान के बढ़ाया जाएगा और उनकी रणनीतिक साझेदारी और उनके प्रयासों का समर्थन किया जाएगा।” अमेरिकी दस्तावेज में जिन क्षेत्रों में सहयोगी देशों की मदद करने की बात कही गई है, उनमें ताइवान स्ट्रेट, साउथ चायना सी और भारत के साथ चीन की लगती विवादित सीमा रेखाएं हैं।
परमाणु हमले के खिलाफ रणनीति
अमेरिका के नेशनल डिफेंस स्ट्रैटजी में न्यूक्लियर पोस्चर रिव्यू (NPR) और मिसाइल पोस्चर रिव्यू को भी शामिल किया गया है। न्यूक्लियर पोस्चर रिव्यू, जिसे पेंटागन ने अपने कोर्स ऑफ एक्शन में शामिल किया हुआ है, उसे अमेरिकी कांग्रेस से भी पास किया गया है, जो अमेरिका की न्यूक्लियर स्ट्रैटजी, पॉलिसी, करेंसी और फोर्स को लेकर रूपरेखा तैयार करती है। न्यूक्लियर पोस्चर रिव्यू (एनपीआर) इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिकी न्यूक्लियर हथियारों की मुख्य भूमिका अमेरिका के साथ साथ और उसके सहयोगियों पर परमाणु हमलों को रोकना है। वहीं, मिसाइल पोस्चर रिव्यू की समीझा अमेरिकी राष्ट्रपति और अमेरिकी रक्षा सचिव के मार्गदर्शन में तैयार की गई है।